• कमिश्नर ने तीनों जिलों के सीएमओ व सीएमएस को जिम्मेदार ठहराया
    झांसी। मण्डलायुक्त कुमुदलता श्रीवास्तव ने मण्डल के सभी जिलों में आयुष्मान भारत योजना की बेहद खराब प्रगति, चिन्हित लाभार्थी परिवार के गोल्डन कार्ड भी जिलों में नहीं बनाने पर सम्बन्धित अधिकारियों को फटकार लगायी। उन्होंने कहा कि सबसे खेदजनक है कि चिकित्सकों द्वारा योजना के शासनादेश को अब तक नहीं पढ़ा गया। जब शासनादेश की जानकारी नहीं होगी तो कैसे योजना का क्रियान्वयन होगा। योजना से सम्बद्घ अस्पतालों को प्रशिक्षण देते हुये जानकारी दी जाये कि कैसे लाभार्थियों को लाभ दिया जाना है। जब अस्पतालों को सही जानकारी होगी तो होने वाला फर्जीबाड़ा पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहाकि जल्द ही प्रधानमंत्री स्वयं इसकी समीक्षा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्मय से करने वाले है। अत: एक सप्ताह में योजनान्तर्गत कार्यों में प्रगति लायें।
    आयुक्त सभागार में आयुष्मान भारत योजना की मण्डलीय समीक्षा बैठक में मण्डलायुक्त तेवर बेहद सख्त रहे। उन्होंंने सीधे-सीधे मण्डल के सीएमओ व सीएमएस को योजना की बेहद खराब प्रगति के लिये उत्तरदायी ठहराया और निर्देश दिये कि जल्द ही शासनादेश का अध्ययन कर लें ताकि योजना का क्रियान्वयन कैसे किया जाना है उसकी समस्त जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने ताकीद करते हुये कहाकि योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु डिस्ट्रिक कार्डीनेटर व आरोग्य मित्रों की समीक्षा करें तथा जहां जो कमियां हो उन्हें दूर करें। जब तक आप रिव्यू नहीं करेें तब तक योजना का सही क्रियान्वयन संभव नहीं हो सकता। मण्डलायुक्त ने गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि अस्पतालों में लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड हेतु अनावश्यक दौड़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में पोस्टर के माध्यम से जानकारी दी जाये कि गोल्डन कार्ड हेतु कौन-कौन से कागजों की आवश्यकता है जैसे एपिक कार्ड, आधार कार्ड या पेनकार्ड जो भी जरूरतें है उन्हें लाभार्थियों को बताया जाये ताकि जब वह गोल्डन कार्ड हेतु आये तो सारे प्रपत्र साथ ला सकें।
    जिलेवार समीक्षा करते हुये मण्डलायुक्त ने कहा कि १६ जून २०१९ के बाद कभी भी मुख्यमंत्री झांसी समीक्षा बैठक हेतु आ सकते है। यह योजना प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है। यदि ऐसी प्रगति रही तो कार्यवाही तय हे। इसमें गरीब अपनी गंभीर बीमारी का इलाज कराने आते है यह आपको सोचना है कि कैसे लाभ दिया जाये। उन्होंने कहा कि झांसी में लक्ष्य के सापेक्ष ३५ प्रतिशत, जालौन में २७ तथा ललितपुर में ३१ प्रतिशत ही गोल्डन कार्ड जनरेट हुये है जो बेहद खराब है। उन्होंने जनपद झांसी की समीक्षा करते हुये कहा कि योजनान्तर्गत १ करोड़ ५८ लाख का सैटेलमेंट होना तथा परन्तु अब तक मात्र ९७ लाख का ही सैटेलमेंट हो सका इसे बढ़ाया जाये। जनपद जालौन में ३९ लाख रूपये का सैटेलमेंट होना था जिसके सापेक्ष ३१ लाख रूपये का ही सैटेलमेंट हो सका तथा ललितपुर में २२ लाख से अधिक राशि का सैटेलमेंट होना था जिसके सापेक्ष अब तक मात्र १३ लाख रूपये का ही सैटेलमेंट हो सका। मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि एक सप्ताह में योजनान्तर्गत सभी बिन्दुओं पर प्रगति लाये अन्यथा कार्यवाही की जायेगी। इस मौके पर जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी, अपर आयुक्त त्रिभुवन विश्वकर्मा, जेडीसी आरबी कटियार, एडी हेल्थ सुमनबाबू मिश्रा, सीएमओ डा. सुशील प्रकाश सहित मण्डल के सीएमओ, सीएमएस, एमओआईसी, निजी अस्पतालों के चिकित्सक व संचालक उपस्थित रहे।