सितम्बर 2025 में 12,088 स्प्रिंगों का अब तक का सर्वाधिक उत्पादन

झांसी। उमरे के ग्वालियर स्थित रेल स्प्रिंग कारखाना सिथौली ने सितम्बर 2025 में 12,088 स्प्रिंगों का निर्माण कर अब तक का सर्वाधिक मासिक उत्पादन दर्ज किया है। यह उपलब्धि रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्य 1,05,750 स्प्रिंगों (मासिक औसत 8,813) के सापेक्ष एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

इस उल्लेखनीय निष्पादन में ICF एवं LHB टाइप स्प्रिंगों का उत्पादन निम्नानुसार रहा: B01 – 3,672 स्प्रिंगें, F04 – 1,525 स्प्रिंगें तथा F06 – 6,891 स्प्रिंगें। यह संख्या अगस्त 2025 के उत्पादन (9,500 स्प्रिंगें) से लगभग 27% अधिक तथा पिछले वर्ष के सितम्बर माह (6,800 स्प्रिंगें) से लगभग 77% अधिक है। इससे पूर्व जुलाई 2025 में 10,300 स्प्रिंगों का रिकॉर्ड उत्पादन किया गया था।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि उत्तर मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (PCME) सुनील कुमार भारती एवं मुख्य कारखाना इंजीनियर (CWE) रजनीश बंसल के मार्गदर्शन तथा रेल स्प्रिंग कारखाने के अधिकारी व कर्मठ कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों से संभव हो सकी है। उत्पादन वृद्धि हेतु सभी मशीनों का निष्पादन पूर्व सूचना व सुनियोजित योजना के अनुसार किया गया, शिफ्ट परिवर्तन एवं साप्ताहिक अवकाश के पश्चात उत्पादन कार्य समय पर प्रारंभ हो इसके लिए पूर्व तैयारी सुनिश्चित की गई, प्रशासनिक स्टाफ को एडमिन बिल्डिंग से शेड में स्थानांतरित किया गया, आउटसोर्स स्टाफ का नियोजन किया गया तथा सभी विभागों के सहयोग से सामूहिक समन्वय स्थापित किया गया।

इस उपलब्धि में मुख्य कारखाना प्रबंधक शिवाजी कदम, उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर भानु प्रताप सिंह, उप मुख्य इंजीनियर बालकृष्ण वर्मा, उप मुख्य विद्युत इंजीनियर नितिन कुमार गुप्ता, सहायक कारखाना लेखा अधिकारी सुबोध कुमार जैन, सहायक कार्य प्रबंधक धनंजय राहलकर, सहायक रसायनज्ञ एवं धातुकर्मी रमेश कुमार हनोते, सहायक कार्मिक अधिकारी सुशील कुमार गुप्ता तथा सहायक सामग्री प्रबंधक किरोड़ी लाल मीना की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

यह उपलब्धि न केवल उत्पादन क्षमता को दर्शाती है, बल्कि इससे प्रति स्प्रिंग लागत में कमी तथा ईंधन खपत में भी सुधार हुआ है। रेल स्प्रिंग कारखाने की यह प्रगति रेलवे की आत्मनिर्भरता और गुणवत्ता उत्पादन की दिशा में एक बड़ा कदम है।