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झांसी। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम झांसी आदित्य चतुर्वेदी की अदालत में छह वर्ष पूर्व मऊरानीपुर थाना क्षेत्र में एक दलित महिला से गैंगरेप करने का दोष सिद्ध होने पर एक अभियुक्त को आजीवन और दूसरे को बीस वर्ष कारावास की सजा व साठ हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर शासकीय अधिवक्ता केशवेंद्र प्रताप सिंह और कपिल करोलिया ने बताया कि एक दलित महिला ने थाना मऊरानीपुर में 5 जून 2018 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि वह विधवा महिला है, ओर अपने छोटे बच्चे के साथ किराए के मकान में रहती है। घटना वाले दिन दोपहर को पड़ोसी ने उसके पुत्र को डांट दिया था तो वह घर से बिना बताए चला गया था।

इसके बाद देर शाम तक नहीं लौटा तो उसकी खोजबीन की तभी शिवगंज मोहल्ले में रहने वाला उसकी समाज का व्यक्ति पवन आर्य आया और बताया कि उसका पुत्र मुझे पता है कहा है चलो मेरे साथ। महिला पवन आर्य के साथ उसकी बाइक पर बैठ कर चली गई। महिला का आरोप है कि पवन उसे काशीराम कॉलोनी के पीछे ले गए और उसका मोबाइल फोन छीन कर अपने एक साथी परिवारी पुरा निवासी प्रमोद यादव को बुला लिया। प्रमोद अपने हाथ में तमंचा लेकर आया ओर उसे धमकाते हुए दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपियों को जेल भेज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त पवन आर्य को बीस वर्ष की सजा साथ ही प्रमोद यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा पवन पर बीस हजार रुपए और प्रमोद यादव पर चालीस हजार रुपए का अर्थदंड लगा कर दोनों को दंडित किया। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि जुर्माने की रकम आजीवन कारावास आरोपी की संपत्ति से वसूली की जाएगी।