झांसी। रेलवे में निजीकरण/निगमीकरण के विरोध में आज उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के तत्वावधान में कर्मचारियों ने काली पटटी बांध कर प्रदर्शन किया और एकजुटता दिखाते हुए निजीकरण/निगमीकरण नहीं होने देेने का आहृवान किया।
निजीकरण/निगमीकरण के विरोध में उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के सहायक महामंत्री हेमंत कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने हाथों में काली पट्टी बांध कर व काले झंडे लेकर कारखाना गेट से सीडब्लूएम कार्यालय तक रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री, रेल मंत्री एवं अध्यक्ष रेलवे बोर्ड को सम्बोधित ज्ञापन मुख्य कारखाना प्रबंधक को दिया। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि रेल मंत्रालय 100 दिन के एक्शन प्लान में जो 07 उत्पादन इकाइयों एवं 02 ट्रेनों का निगमीकरन करने का अमानवीय कार्य करने जा रही है। इसके पहले भी 05 प्रिंटिंग प्रेस को 31 मई 2020 तक छपाई बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। जिसका यूएमआरकेएस कड़ा विरोध करता है। आज जब निजी क्षेत्र पर नजर डालते हैं तो पाते हैं की बड़ी-बड़ी कंपनियां घाटे में चल रही हैं और सरकार उन्हें बड़े-बड़े बेल आउट पैकेज देकर घाटे से निकालने का प्रयास करती है किंतु सफल नहीं हुई जैसे जेट एयरवेज, किंगफि शर, सहारा विमानन क्षेत्र के कंपनियों की एक लंबी सूची बन सकती है। इसी प्रकार निगम क्षेत्र में भी चीनी मिलों का उदाहरण है जिसमें उत्तर प्रदेश की 21 चीनी मीलें मनमाने तरीके से बेच दी गई। जिसमें जनता का पैसा डूब गया और मजदूर सड़क पर आ गया और बेरोजगार हो गया। ऐसे अनेकों उदाहरण दिए जा सकते हैं। चाहे वह निजी क्षेत्र के हो या निकाय क्षेत्र के हो। इसलिए यह लड़ाई कर्मचारियों को स्वयं या यूएमआरकेएस/बीआरएमएस के बैनर तले लडऩा होगी। यूएमआरकेएस सभी यूनियनों से आह्वान करती है कि इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाएं तभी कुछ हो सकता है।
इस दौरान विशेष रुप से कारखाना अध्यक्ष हरिवंश कुमार पांडे, उपाध्यक्ष पप्पू राम सहाय, परिचालन शाखा अध्यक्ष आरके शर्मा, अंकित श्रीवास्तव, संजीव वर्मा, नीरज शिवहरे, मोहित रायकवार, आशीष परेता, धीरेंद्र कुशवाहा, कपीश कुमार सिंह, विवेक कुणाल, अमित कुमार, शीतल कुशवाहा, रोहित रायकवार, धर्मेंद्र वैष्णो, गोरखनाथ यादव, सौरभ देवलिया, सुनील अग्रवाल इत्यादि बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।