झांसी। रेलवे बोर्ड सौ दिवसीय कार्य योजना के माध्यम से महत्वपूर्ण रेल मार्ग प्राइवेट हाथों में जाने के उपरान्त ट्रेनो का संचालन कार्पोरेट घरानों के हाथों में होगा। इससे युद्ध व दंगों आदि गम्भीर समस्याओं के समय ट्रेनों का संचालन बाधित हो सकता है जिससे देश व रेलवे की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह उदगार इण्डियन रेलवे इम्पलाईज फेडरेशन (आईआरईएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नाथ सेन्ट्रेल रेलवे वर्कर्स यूनियन (एनसीआरडब्लूयू) के महामंत्री का0 मनोज पाण्डेय ने झांसी में संगठन की सभा में व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि देश मर की करोड़ो रूपये के मुनाफे में चल रही 7 उत्पादन इकाईयों का निगमीकरण/निजीकरण के फैसले के साथ ही सौ दिन के अन्दर रेलवे के अधिकांश विभाग का निजीकरण, शिक्षा भत्ता की समाप्ति, वर्कशॉप और उत्पादन इकाईयों का निगमीकरण, ग्रुप सी व डी की सेवा को निरस्त करना, रेलवे कॉलोनी के भूमि की बिक्री व प्राइवेट ट्रेन का परिचालन इस एक्शन प्लान की मुख्य बातें हैं। इस योजना को 31 अगस्त 2049 तक पूरा कर लेना है, जो देश एवं रेल हित में नहीं है। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि रेलवे की सभी उत्पादन इकाईयां हमारे पूर्वजौ के द्वारा जन कल्याण में दी गयी भूमि पर निर्मित हैं। आज इन्हें कुछ प्राइवेट लोगों के हाथों में सौंप देना कदापि उचित नहीं है। इण्डियन रेलवे इम्पलाइज फेडरेशन से सम्बन्धित सभी उत्पादन इकाईयों की यूनियन एवं जोनों की यूनियन योजनाबद्द तरीके से वेश व्यापी आन्दोलन कर रही हैं जो 100 डे एक्शन प्लान की समाप्ति तक जारी रहेगा।
फेडरेशन के अध्यक्ष का. पाण्डेय ने मान्यता प्राप्त संगठनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि फेडरेशन सरकार की हां में हां मिलाकर रेल कर्मचारियों केहितों का हनन कर रही हैं। सातवेें वेतन आयोग की अनियमिताएं, एचआरए, एनपीएस एवं अब 100 डे एक्शन प्लान से रेल को बेचने की योजना में दोनों फेडरेशन की सहमति है। यह दोनों संगठन वोट के लिए कर्मचारियों के सामने घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। जिसका जवाब रेल कर्मचारी मान्यता के चुनाव में देंगे। बैठक की अध्यक्षता कर रहे एनसीआरडब्लूयू के केन्द्रीय अध्यक्ष का. एसपीएस यादव ने संगठन के कार्यकर्ताओं से एनपीएस के खिलाफ देश व्यापी आंदोलन बनाने में अहम भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि संघर्षरत जनवादी फेडरेशन आईआरइएफ की देखरेख में एनपीएस को समाप्त करने की लड़ाई लड़ रही फ्रण्ट अगेंस्ट एनपीएस इी भारतीय रेलवे में पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लडऩे वाला एक मात्र संगठन है। अन्त में एक प्रस्ताप पारित कर निर्णय लिया गया कि उमरे मेें सभी समान विचारों वाले संगठनों फे साथ सहयोग से आगामी अगस्त में होने वाले मान्यता का चुनाव लड़ा जाए और सरकार की हां में हां मिलाने वाले मान्यतता प्राप्त संगठनों को पराजित कर कर्मचारियों व रेलवे के अस्तित्व की रक्षा की लड़ाई लड़ी जाए।
सभा में इण्डियन रेलवे इम्पलाईज फेडरेशन के संयुक्त महामंत्री व एनसीआरडब्ल्यूयू के कन्द्रीय कोषाध्यक्ष का0 संजय तिवारी, केन्द्रीय उपाध्यक्ष ब्रजकिशोर उपाध्याय, मण्डल मंत्री (झांसी) अरविन्द कुमार राय, आरए रिजवी, विवेक गोस्वामी, एके चिश्ती, एपी जतारिया, दिलीप यादव, सुशीला देवी, पंकज द्विवेदी, सन्तोष द्विवेदी, सचिन रजक, संजय गोस्वामी, माधव सिंह यादव, दीपक विश्वकर्मा, विवेक यादव, अजय मधेशिया आदि उपस्थित रहे।