• कस्टमर को न देकर एक साथ काटे जा रहे बिल
    झांसी। रेल मंत्रालय द्वारा यात्रियों को गुणवत्तायुक्त खादय सामग्री उपलब्ध कराने व अवैध वेण्डिंग पर अंकुश लगाने के लिए शुरू की गयी नो बिल, नो पेमेण्ट की नीति झांसी स्टेशन पर शोपीस नजर आ रही है। स्टालों व रेस्टोरेण्ट के काउण्टर पर नो बिल, नो पेमेण्ट लिखे पर्चे तो लगे हैं, किन्तु ग्राहकों को बिल नहीं दिया जा रहा और बाद में फर्जी नामों से एक साथ कई-कई बिल काट कर नीति का पालन करने का नाटक किया जा रहा है। हालांकि अभी यात्रियों में भी जागरुकता का अभाव होने का लाभ काउण्टर पर मौजूद वेण्डर्स/सेल्समैन उठा रहे हैं।
    गौरतलब है कि रेलवे स्टेशनों के प्लेटफ ार्म पर स्टालों एवं रेस्टोरेण्टस में बैंडर्स/सेल्समैन मनमानी दरों पर यात्रियों को सामान बेचते हैं। ट्रेनों में अनधिकृत वेण्डर्स की भरमार है। इन पर अंकुश लगाने के लिए रेल मंत्री द्वारा आज से स्टेशनों व ट्रेनों में नो बिल, नो पेमेण्ट की नीति लागू कर दी। इसके तहत ट्रेन में अथवा काउण्टर पर ग्राहक को सामान खरीदने पर बिल देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें बिल नहीं मिलने पर ग्राहकको पेमेण्ट नहीं देने के निर्देश हैं। इस नीति का आज जब रियलटी चेक किया गया तो प्रकाश में आया कि सभी स्टालों व रेस्टोरेण्ट पर बड़े-बड़े शब्दों में नो बिल, नो पेमेण्ट लिखे पर्चे लगाए गए हैं, किन्तु वास्तविकता में यह शो पीस ही हैं। जब स्टालों के काउण्टर पर बिल के लिए केश बुककी जानकारी मांगी गयी तो काउण्टर पर मौजूद सेल्समैन परेशान हो कर बिल बुक तलाशने लगा।
    कई मिनट की खोजबीन के बाद सेल्समैन को बिलबुक मिली। जब बिल बुक में काटी गयी रसीद की जानकारी की गयी तो पता चला कि उसमें से आज पांच घण्टे मेें मात्र पांच बिल ही कटे थे। जानकारी करने पर सेल्समैन ने बताया कि ट्रेन के आने पर जब ग्राहक टूटता है तो ऐसे में बिल देें कि सामान बेचेें। इसलिए सन्नाटा होने के बाद बिल बुक से सामान की बिक्री के फर्जी यात्रियों के नाम से बिल काट कर रख लिए जाते हैं। इस सम्बन्ध में वरिष्ठ खानपान निरीक्षक से जानकारी की गयी तो उन्होंने बताया कि सभी स्टाल व रेस्टोरेण्ट संचालकों को निर्देश दिए जा चुके हैं। यदि कोई गड़बड़ी पायी गयी तो कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि यात्रियों को जागरुक करने के लिए स्टॉल/रेस्टोरेण्ट के बाहर स्लिप भी लगा रखी है।