• रेल मंत्री द्वारा आरपीएफ हेतु नया स्थापना मैनुअल जारी
  • हरियाणा में अत्याधुनिक कमांडो प्रशिक्षण केन्द्र की घोषणा
    नई दिल्ली। रेल, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली के स्टेट एंट्री रोड में भारतीय रेलवे के लिए कोरस (कमांडो फॉर रेलवे सिक्योरिटी) की शुरूआत करते हुए रेल सुरक्षा बल के लिए नए स्थापना मैनुअल को जारी किया। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में कोरस का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है।
    समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री गोयल ने भारत को एक स्वच्छ, स्वस्थ सम्पन्न और सुरक्षित राष्ट्र के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि विध्वंसक शक्तियों से मिलने वाली चुनौतियों के मददे नजर रेल सुरक्षा बल में कोरस को सम्मिलित करने की योजना बनाई है। कोरस बल को बेहतर व अत्याधुनिक उपकरण और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। रेल सुरक्षा बल के जवान शिवचरण गुर्जर, जिन्होंने गुजरात के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 8 लोगों की जान बचाई के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री गोयल ने रेल सुरक्षा बल के जवानों की शानदार सेवा की सराहना की। उन्होंने आह्वान किया कि दलालों को हतोत्साहित करने के लिए तुरंत प्राधिकारियों को सूचित करें ताकि टिकट दलाली की समस्या को पूरी तरह से दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि रेलयात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर सीसी टीवी कैमरों का एक नया नेटवर्क स्थापित किया जायेगा। इन कैमरों का लिंक स्थानीय स्टेशनों, राजकीय रेल पुलिस, रेल सुरक्षा बल, मंडल कार्यालय व स्वयं मंत्री के कार्यालय तक को दिया जायेगा। उन्होंने दूर-दराज क्षेत्रों में दिन-रात रेल सम्पत्ति व यात्रियों की सुरक्षा में मुस्तैद रहने वाले प्रत्येक जवान व रेल सुरक्षा अधिकारियों को बधाई दी। रेलयात्रियों की सुरक्षा हेतु चिंता जताने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
    इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि कोरस का गठन विस्तृत नीति-निर्माण की परिणति है। दूर-दराज के चुनौतीपूर्ण इलाकों में रेल सम्पत्ति व रेल यात्रियों की सुरक्षा में रेल सुरक्षा बल सदैव मुस्तैद रहता है। रेल सुरक्षा की चुनौतियों को निपटने के लिए इस पृथक कमांडो यूनिट कोरस का गठन किया गया है। इस यूनिट को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण व बेहतर सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। यह विशेष यूनिट किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने में सक्षम है। रेल सुरक्षा बल के महानिदेशक अरूण कुमार ने बताया कि देश के एक कोने को दूसरे कोने को जोडऩे में रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रेल सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित श्रमबल वाले एक विशेष टास्क फोर्स की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। वर्तमान में रेलवे ऐसी अनेक परियोजनाओं पर काम कर रही है जो सामरिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह विशेष यूनिट कोरस इन परियोजनाओं में आने वाली चुनौतियों के साथ-साथ रेलयात्रियों के समक्ष आने वाली कठिन परिस्थितियों से भी निपटने में सहयोगी होगी। कोरस के कमांडो प्रख्यात संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त हैं और किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। यह नई यूनिट रेल सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगी।

गौरतलब है कि कमांडो फॉर रेलवे सिक्योरिटी की यह पहली बटालियन रेलवे के अहम स्टेशनों और फैक्ट्री में तैनात किया जाएगा। आधुनिक हथियारों से लैस कोरस आरपीएफ की आम्र्ड बटालियन आरपीएसएफ यानी रेलवे प्रोटेक्शन सिक्योरिटी फोर्सेज से अलग होगी।
1200 महिला-पुरुष कमांडो
इस फोर्स में महिला व पुरुष मिलाकर 1200 कमांडो हैं। मुंबई में हुए आतंकी हमले से लेकर नक्सलियों द्वारा राजधानी एक्सप्रेस को होस्टेज बनाने की घटना के बाद से ही इस तरह के विशेष कमांडो दस्ते की मांग हो रही थी।


कोरस की पृष्ठभूमि

रेल परिचालन में होने वाली क्षति, रेल क्षेत्रों में होने वाले हमले/बंधक बनाए जाने/हाईजैक एवं किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए विश्वस्तरीय कार्यबल तैयार करना ।

न्यूनतम प्रभावी कार्यबल के सिद्धांत पर अमल करते हुए भारतीय रेलवे और इसके उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराई जायेगी ।
प्रमुख विशेषताएं

रेल सुरक्षा बलध्रेल सुरक्षा विशेष बल के इच्छुक एवं युवा कर्मचारियों को इस बल में शामिल करना ।

30-35 वर्ष की औसत आयु वाले जवानों से कोरस सदैव युवा रहेगा।

कोरस में शामिल होने के लिए उच्च शारीरिक मानक निर्धारित हैं।

वामपंथी उग्रवाद/बलवा/आंतकवाद प्रभावित रेल क्षेत्रों में इस कमांडो दस्ते की तैनाती की जायेगी ।