• स्वतंत्रता दिवस पर धौर्रा-मुहासा डाउन मार्ग कई घण्टे रहा बंद, कई गाडिय़ां घण्टों खड़ी रहीं
    झांसी। स्वतंत्रता दिवस/रक्षाबंधन के पर्व पर हुई झमाझम वर्षा के चलते धौर्रा-मुहासा के बीच कटिंग एरिया (पहाड़ काट कर निकाली गयी रेल लाइन) से निकली डाउन लाइन नदी के रूप में परिवर्तित हो गयी। इसके कारण डाउन की गाडिय़ां बीना-मुहासा मार्ग में घण्टों खड़ी रहीं जबकि अप मार्ग की गाडिय़ों को धीमी गति से निकाला गया। बाद में यात्रियों के हंगामा पर बीना-मुहासा मार्ग पर खड़ी सवारी गाडिय़ों को धीमी गति से अप मार्ग से निकाल कर राहत दी गयी। इस स्थिति के चलते बहनों-भाईयों की रक्षाबंधन पर्व की खुशियां लम्बित रहीं।
    बताया गया है कि प्रात: वर्षा के कारण मण्डल के धौर्रा-मुहासा के बीच कटिंग एरिया में पहाड़ से झरना बह रहा था और देखते ही देखते झरना ने विकराल रूप ले लिया। इसके कारण कटिंग एरिया में रेल लाइन नदी के रूप में परिवर्तित हो गयी। इससे बीन से चल कर झांसी की ओर आ रही 51827 इटारसी-झांसी पैसिंजर को चालक ने प्रभावित क्षेत्र के पूर्व रोक कर कण्ट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी। चालक ने पटरी के नीचे मिटटी के बह जाने की आशंका व्यक्त करते हुए गाड़ी को निकालने से हाथ खड़े कर दिए। इस पर आनन-फानन में डाउन मार्ग की गाडिय़ां जहां थीं वहीं रोकने के आदेश दे दिए गए। इसके कारण भोपाल की ओर से चल कर झांसी आ रही गाडिय़ों को बीना मुहासा सेक्शन में रोक दिया गया। मण्डल रेल प्रबन्धक सहित परिचालन से जुड़े अन्य अधिकारी कण्ट्रोल रूम में पहुंच गए और सुरक्षित आवागमन के दिशा-निर्देश दिए गए।
    इस घटना के कारण 12137 पंजाब मेल, 11077 झेलम एक्सप्रेस, 120707 एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, 18237 छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, 22415 विशाखापट्टनम-न्यू दिल्ली एक्सप्रेस, 12643 निजामुद्दीन एक्सप्रेस, 12807 समता एक्सप्रेस, 22163 महामना एक्सप्रेस आदि गाडिय़ों को मार्ग में छोटे स्टेशनों पर ही रोक दिया गया। उधर, झांसी से चल कर भोपाल की ओर जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस सहित अन्य गाडिय़ों को अप लाइन पर भी सम्भावित खतरे को देखते हुए धीमी गति से निकाला गया। इस स्थिति के चलते ट्रेनों में सवार यात्री गंतव्य तक समय से पहुंचने के लिए परेशान हो गए। सर्वाधिक समस्या भोपाल की ओर से आने वाले यात्रियों की थी।
    यात्रियों ने किया हंगामा
    बताया गया है कि कुछ घण्टों के इंतजार के बाद जब लाइन पर भरे पानी का दबाव कम नहीं हुआ तब भोपाल की ओर से आने वाली गाडिय़ों को परिवर्तित मार्ग से निकालने की तैयारी शुरू कर दी गयी। इसकी जानकारी लगने से सम्बन्धित गाडिय़ों में सवार यात्री भड़क गए क्योंकि परिवर्तित मार्ग लम्बा होने से उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में रात होने की सम्भावना थी। यात्रियों के आक्रोश को देखते हुए डाउन लाइन पर खड़ी गाडिय़ों को अप लाइन से दस किमी प्रति घण्टा के कॉशन आर्डर पर निकाले जाने के निर्देश दिए गए। इससे सबसे आगे खड़ी 51827 इटारसी-झांसी पैसिंजर को अप मार्ग से निकाला गया। इसके बाद पीछे लगी 12807 समता एक्सप्रेस, 12643 निजामुद्दीन एक्सप्रेस, 22163 महामना एक्सप्रेस को निकाला गया।
    लाइट इंजन निकाल परखी लाइन
    अपरान्ह लगभग दो बजे लाइन पर पानी का बहाव समाप्त होने पर पीडब्लूआई ने टीम के साथ डाउन ट्रेक का परीक्षण कर देखा की कहीं रेल मार्ग से कहीं मिटटी तो नहीं बह गयी है। संतुष्ट हो जाने के बाद लाइट इंजन को प्रभावित मार्ग से निकाला गया। लाइट इंजन के सकुशल निकल जाने के बाद उस मार्ग की अन्य गाडिय़ों को धीमी गति से निकाला गया। उक्त स्थिति के चलते प्रभावित गाडिय़ों के यात्री निर्धारित समय से कई घण्टे विलम्ब से अपने गंतव्य तक पहुंचे।
    नालियों में सिल्ट भरने से बिगड़ी स्थिति
    जानकारों की मानें तो जब भी लगातार वर्षा होती है तब अधिकांशत: डाउन मार्ग के उक्त कटिंग एरिया में पानी बहने की समस्या हो जाती है, किन्तु जिस हिसाब से गत दिवस पानी के नदी के रूप में परिवर्तित हो कर बहने की स्थिति बनी इस प्रकार की कभी नहीं बनी है। जल भराव के पीछे लाइन के दोनों तरफ बनी गहरी-गहरी नालियां सिल्ट से भर गयी हैं। इसके कारण पहाड़ से बह कर गिरने वाला पानी लाइन पर बह निकला और निकासी नहीं होने से नदी के रूप में परिवर्तित हो गया।