• कुंजबिहारी मंदिर में 24 को विविध धार्मिक कार्यक्रम
    झांसी। ग्वालियर रोड स्थित कुंजबिहारी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 24 अगस्त को हर्षोल्लास व भव्यता के साथ मनाई जाएगी। यह जानकारी देते हुए मंदिर के प्रधान महंत, बुन्देलखण्ड धर्माचार्य राधामोहन दास महाराज ने बताया कि 24 अगस्त को प्रातरूकालीन बेला में विद्वान पंडितों द्वारा उच्चारित वेदमंत्रों के बीच भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। तदुपरांत मनमोहक श्रृंगार कर उन्हें भव्य झांकी में विराजित किया जाएगा। सायंकालीन बेला में ख्याति प्राप्त कलाकारों के द्वारा समाज गायन कर नन्दोत्सव के अवसर पर बधाई गीत गाये जायेंगे। रात्रि होते ही समूचे मंदिर परिसर को मिट्टी के एक हजार दीपक जलाकर रोशन किया जाएगा।
    महाराज श्री ने बताया कि एक हजार मिट्टी के दीपकों को रोशन कर यह पहली जन्माष्टमी मनाई जाएगी और इसी परम्परा अनुसार आगे के त्यौहार जैसे राधाष्टमी आदि उत्सवों पर भी एक हजार दीपक जलाकर मंदिर परिसर को जगमग करेंगे। आपने बताया कि पूर्व में विद्युत की झालरें बिखेरकर मंदिर को सजाया जाता था जिससे एक तो विद्युत ऊर्जा की खपत अधिक होती थी दूसरा मंदिर में आने जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं को विद्युत करेंट का भी खतरा बना रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार से मंदिर परिसर में विद्युत झालरें नहीं लगाये जाने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर को प्राकृतिक छठा के अनुरुप बेला, चमेली, कदम की लता-पतायें एवं केला के पेड़ व पत्तों से मंदिर परिसर को सजाकर प्राकृतिक छठा दी जाएगी। रात्रि में फूलों से आरती कर भगवान को फूलों की सेज पर ही शयन कराया जाएगा।
    आपने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में बुधवार के दिन अष्टमी तिथि को भाद्रपद (भादों माह) में कृष्ण पक्ष में मध्यरात्रि में हुआ था। उस दिन चन्द्रमा वृष राशि में विद्यमान था। इस हिसाब से गृहस्थों की जन्माष्टमी तो 23 अगस्त को मनाई जायेगी किंतु वैष्णव जन (साधु- संत) उदया तिथि देखकर व्रत करते हैं और इस बार शनिवार 24 अगस्त को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि है। इस कारण वैष्ण जन 24 को जन्माष्टमी मनायेंगे। यह मंदिर भी मथुरा के टटिया आश्रम की परम्परा से जुड़ा है। अत: कुंज बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पावन उत्सव 24 अगस्त को ही सायंकालीन बेला में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।