- एनसीआरएमयू के द्वार सभाओं में केन्द्र की नीतियों को कोसा
झांसी। केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में एआईआरएफ के आवाह्न पर देश भर में मनाये जा रहे चेतावनी सप्ताह के अन्तर्गत एनसीआरएमयू के तत्वावधान में विद्युत लोको शेड एवं सीएमएम स्टोर के गेट पर अलग-अलग दो द्वार सभायें आयोजित की गईं। सभाओं को सम्बोधित करते हुए संगठन के मंडल मंत्री आरएन यादव ने कहा कि सरकार बहुमत के नशे में चूर है और तानाशाह जैसा व्यवहार कर रही है। कर्मचारियों के विरोध में निजीकरण-निगमीकरण, 55वर्ष/30वर्ष जैसे नित नये तुगलकी फरमान जारी कर रही है। एक ओर तो रेलवे में 30 प्रतिशत से अधिक रिक्तियां हैं और ऊपर से सरकार नई भर्ती कर नहीं रही है, उस पर भी जो हैं उनको रिटायर करना चाह रही है। आखिर जब कर्मचारी नहीं रहेंगे तो रेल चलेगी कैसे। फिर रेल को घाटे में दिखाकर ठीकरा कर्मचारियों के सर पर फोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि जब तक एआईआरएफ और एनसीआरएमयू हैं तब तक सरकार के इन कुत्सित मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने मजदूरों को आवाह्न करते हुए कहा कि आगामी मान्यता के चुनाव में एनसीआरएमयू को एक मात्र यूनियन के रूप में मान्यता दिला कर मजदूर आंदोलन को सशक्त बनायें।
मण्डल मंत्री ने कहा कि जब यूनियन एक से अधिक होती हैं तब कर्मचारियों की शक्ति का विभाजन हो जाता है, प्रशासन इसका फायदा उठाता है और उसे मनमानी करने का मौका मिल जाता है। यही वजह है कि एआईआरएफ ने देश भर में एक उद्योग-एक यूनियन का नारा बुलंद किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ एनसीआरएमयू ही ऐसी यूनियन है जिसमें एक मात्र मान्यता प्राप्त यूनियन बनने की क्षमता है। सभाओं में अन्य वक्ताओं में पवन झारखडिय़ा, अशोक त्रिपाठी, मो0 शकील इत्यादि ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर प्रमुख रूप से राम नरेश यादव, राधा रानी झा, आरपी सिसौदिया, मनोज अग्रवाल, डीके राठौर, आरपी शर्मा, किलेदार, मो हलीम, विकास अवस्थी, नाहर सिंह मीना, याकूब, हनीफ , संजय तिवारी, हरिश्चंद्र यादव, सरिता, विजय, चिस्ती, घनश्याम मीना, रमज़ानी, वाल्टर, राजकुमार, जितेंद्र, ज्ञान राठौर, त्रिलोक सिंह, अविनाश सचान, हिम्मत, अजय यादव, मस्तराम, मुकेश, अनवर, आरएस चौहान, संजय श्रीवास्तव, दिनकर, कमलेश इत्यादि उपस्थित रहे। अध्यक्षता शशि कपूर ने और संचालन जगतपाल सिंह ने किया।