• भारत में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं: प्रो.सुनील काबिया
    झांसी। विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष में इंडियन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एण्ड ट्रैवल मैनेजमेंट नोएडा व पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में पर्यटन संस्थान के सभागार में पर्यटन के हितग्राही समिट में प्रदेश से होटल व्यवसायी, ट्रैवल एजेण्ट, टैक्सी व टूर ऑपरेर्स, टैक्सी ड्राइवर, पोटर्स तथा पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य विद्वत जनों ने बुन्देलखण्ड में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने पर चिंतन मंथन कर सुझाव प्रस्तुत किए।
    मुख्य अतिथि मार्बलस् होटल के निदेशक प्रदीप तिवारी ने आई.टी.एच.एम की समिट की सराहना करते हुए कहा कि झांसी यद्यपि विश्व के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान रखता है, लेकिन आज भी झांसी को एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर ही उपयोग किया जाता है। हालत यह है कि पर्यटक रात्रि विश्राम के लिए झांसी न रूक कर ओरछा व आसपास के अन्य पर्यटक स्थलों पर रुकते हैं। इसके पीछे जहां झांसी में आवश्यक सुविधाओं का उपलब्ध न होना तो है ही साथ ही जागरुकता का अभाव है। उन्होंने कहा आवश्यकता है कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में नए पर्यटक सर्किट का को खोजें तथा उनको विकसित करें, जिससे कि झांसी व आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके तथा यहां के निवासियों को रोजगार प्राप्त हो सके। इसके लिए स्थानीय लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है क्योंकि स्वच्छता से ही हम देशी-विदेशी सैलानियों और पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं।
    समिट का शुभारंभ करते हुए पर्यटन एवं होटल प्रबंध संस्थान के निदेशक एवं विभागाध्यक्ष प्रो.सुनील काबिया ने आगन्तुकों का स्वागत किया व संस्थान की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की विश्व पर्यटन दिवस की थीम पर्यटन एवं रोजगार है। उन्होंने देश-विदेशों में पर्यटन उद्योगों के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करते हुए स्पष्ट किया कि देश में ही नही विश्व भर में सर्वाधिक रोजगार प्रदाता यह उद्योग है। भारत में लगभग 4 करोड़ से अधिक को रोजगार पर्यटन उद्योग से प्राप्त हुआ है तथा देश का हर दस में से एक व्यक्ति पर्यटन उद्योग में कार्यरत है। प्रो. काबिया ने कहा कि गत वर्ष 1.5 करोड़ विदेशी सैलानी भारत आए थे तथा इस संख्या में निरन्तर बढोत्तरी सम्भव है। उन्होंने बताया कि देश की कुल जीडीपी में पर्यटन उद्योग का 9.2 प्रतिशत तथा निर्यात में 7 प्रतिशत के लगभग योगदान है। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड सहित भारत में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही मात्र दृढ़ इच्छा शक्ति एवं राजनैतिक इच्छा तथा जन सहयोग पर्यटन के सहारे इस क्षेत्र की दशा तथा आर्थिकी में आमूलचूल परिवर्तन करने में सक्षम है।
    इस अवसर पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरके रावत ने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पर्यटन के लिए इस क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार नीति बनाने की अवश्यकता है। जिससे कि इस क्षेत्र को भी विश्व के पर्यटन के नक्शे पर लाया जा सके तथा यहां के युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सके। आईआईटीटीएम की डा. नमिता त्यागी ने पर्यटन संस्थान एवं सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए प्रसन्नता जाहिर की और उन्होंने सरकार के द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता एक्शन प्लान के विषय में जानकारी दी तथा इससे पर्यटन के क्षेत्र में होने वाले लाभ के बारे में भी बताया। इस अवसर पर डा. संजय निबोरिया, डा. शैलेन्द्र तिवारी, डा. प्रणव श्राार्गव, डा. सुधीर द्विवेदी, डा. रमेश कुमार, आषीश सेठ, जी.के. श्रीनिवासन, आयुश सक्सेना, मुकुल खरे, प्रभाकर पाण्डेय, मेधा जायसवाल, हेमन्त चन्द्रा, आर.एन.पाठक सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।संचालन अंषुमन सिंह ने तथा आभार आईआईटीटीएम नोयडा की डा. नीति दीक्षित ने व्यक्त किया। इसके पूर्व संस्थान की छात्राओं के द्वारा बी.एच.ई.एल. में स्वच्छता अभियान के प्रति जागरूकता हेतु नुक्कड नाटक प्रस्तुत किया व स्वच्छता की शपथ भी दिलाई गई।