• विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर निकाली गई रैली
    झांसी। अपर निदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य डॉ. एसबी मिश्रा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 16.3 लाख लोग आत्महत्या कर लेते है। इसी के साथ 15 से 29 वर्ष तक के बच्चों में आत्महत्या मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और यह ऐसा कारण है जिसको सबके प्रयास से रोका जा सकता है। आत्महत्या को रोकने के लिए मिल कर कार्य करना होगा क्योंकि वर्तमान समय में भारत आत्महत्या के केस बहुत आ रहे हैं।
    राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद झांसी में आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मुक्ताकांशी मंच से जागरूकता रैली का शुभारम्भ करने के बाद गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अपर निदेशक ने उक्त विचार व्यक्त किए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील प्रकाश ने भी हरी झण्डी दिखाई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी से अपील की कि वह जिंदगी से हताश होकर आत्महत्या के बारे में न सोचकर, जिंदगी के संघर्षों का डटकर मुकाबला करें व अपनी परेशानियों को किसी से साझा कर जिन्दगी जीने के बारे में सोचें।
    नोडल अधिकारी डॉ. आरएस वर्मा ने आत्महत्या के कारणों को रोकने में परिवार की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि आज के समय में मनुष्य की जीवनशैली बिलकुल बदल गई है। इससे उपजे तनाव में वह अपने आप को अकेला पाते है। ऐसे में उनका परिवार या दोस्त उनको इस स्थिति से ऊबार सकते हैं। कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एन के जैन, डॉ महेन्द्र कुमार, मनोचिकित्सक डॉ काशीराम, डॉ प्रतीक, डॉ मिथलेश, डॉ विजयश्री शुक्ला सहित विद्यावाती नर्सिंग स्कूल, श्री राघवेंद्र नर्सिंग कॉलेज, मॉडर्न ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं व अध्यापकगणए एनसीडी सेल के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।