- प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुठभेड को हत्या बताया
झांसी। राज्यसभा सांसद डा. चन्द्रपाल सिंह यादव ने प्रधानमंत्री को प्रेषित पत्र में पुष्पेन्द्र यादव कथित एनकाउण्टर प्रकरण में सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट अथवा हाईकोर्ट के न्यायाधीश से निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए बताया कि इससे फर्जी मुठभेड़ में मारे गये मृतक पुष्पेन्द्र के परिजनों खासकर तीन माह पूर्व विवाह कर आयी मृतक पुष्पेन्द्र की पत्नी व बेसहारा दृष्टिहीन बुजुर्ग पिता को न्याय मिल सके एवं आम जन का कानून पर विश्वास कायम रह सके।
उन्होंने पत्र के माध्यम से बताया कि झांसी जनपद के करगुवां खुर्द थाना एरच निवासी २३ वर्षीय पुष्पेन्द्र यादव की उप्र पुलिस द्वारा ५ अक्टूबर १९ को रूपयों की अवैध वसूली की मांग पूरी न होने पर रात को मोबाइल फोन से बुलाकर सरकारी रिवाल्वर/पिस्टल से गोलीमार निर्मम हत्या कर दी गयी। हत्या के पश्चात पुलिस ने पुष्पेन्द्र को अपराधी बताकर षडयंत्र के तहत जिला प्रशासन ने उक्त घटना पर पर्दा डालने के लिये एक फर्जी मुठभेड़ दिखाई। तत्पश्चात झांसी में पोस्टमार्टम कराया गया जिसकी जानकारी मृतक के परिजनों को नहीं दी गई। इस घटना में मृतक के बड़े भाई रवन्द्रि को भी नामजद किया गया जब कि रविन्द्र दिल्ली मेट्रो पर सीआईएसएफ में ड्यूटी कर रहा था। मृतक पुष्पेन्द्र के पिताजी दृष्टिहीन है। पुष्पेन्द्र का विवाह मात्र तीन माह पूर्व ही हुआ था। पुष्पेन्द्र का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। उक्त पूरे प्रकरण में हत्यारोपी पुलिस थानाध्यक्ष, जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा पूरी घटना में दिये गये अलग-अलग बयानों से फंसती जा रही है। पुलिस ने साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से मृतक के दो मोबाइल फोन जिसमें थानाध्यक्ष से बातचीत हुई थी उसे भी गायब कर दिया। उक्त प्रकरण में परिजनों द्वारा हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराने की मांग की गई परन्तु पुलिस ने पीडि़तों का कोई भी मुकदमा पंजीकृत नहीं किया। उक्त तथा कथित फर्जी मुठभेड़ में प्रदेश की पुलिस का अमानवीय चेहरा उजागर होता है। पुलिस द्वारा जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाकर उनकी हत्याएं की जा रही है साथ ही फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है जो कि स्वतंत्रत देश व समाज के लिये न्यायोचित नहीं है। आमजन में पुलिस व प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है और यदि यही होता रहा तो पुलिस व प्रशासन की कानून व्यवस्था व आमजन को मिलने वाले न्याय पर से विश्वास समाप्त हो जायेगा।