• दीपावली नहीं मनाने का निर्णय
    झांसी। अखिल भारतीय यादव महासभा ने कथित एनकाउंटर में मारे गये पुष्पेन्द्र यादव व उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए हुंकार भरी। महासभा ने पुष्पेन्द्र की मौत को हत्या निरूपित करते हुए दोषियों को सजा दिलाने व पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतर कर संघर्ष करने का ऐलान किया और राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
    यहां अभा यादव महासभा की बैठक में पदाधिकारियों ने पुष्पेन्द्र यादव काण्ड पर पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा करते हुए इसे एनाकउण्टर नहीं हत्या बताते हुए चेतावनी दी कि इसका हर्जाना पुलिस को चुकाना पड़ेगा। पुष्पेन्द्र के परिवार को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ पूरी महासभा तो है ही साथ ही सर्व समाज भी है। अब यह केवल एक पुष्पेन्द्र यादव की लड़ाई नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति की है जिसे फर्जी एनकाउंटर में मारा गया है, फिर वह किसी भी समाज का ही क्यों न हो। सभी को न्याय दिलाने के लिए वह यादव महासभा एकजुट होकर लड़ाई लड़ेगा, सड़क पर उतर कर लड़ाई लड़ी जाएगी। महासभा ने प्रस्ताव पारित कर थानेदार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
    बैठक में सभी ने निर्णय लेते हुए कहा कि पुष्पेन्द्र यादव की पत्नी को उन्होंने अपनी बेटी बनाया है। वह सभी उसके गम में शामिल है। इस बार सभी लोग दीपावली का त्यौहार नहीं मनायेंगे। इस दौरान महासभा के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ पूर्व एमएलसी श्याम सुन्दर सिंह यादव, पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव, जिलाध्यक्ष छत्रपाल सिंह यादव समेत कई पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे। संचालन राजेन्द्र सिंह यादव ने किया। सभा के दौरान पूरा होटल परिसर पुलिस की छाबनी बना रहा। मौके पर पहुंचे एसडीएम को राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन महासभा के पदाधिकारियों ने दिया।
    पुष्पेन्द्र की दादी भी चल वसीं
    कथित एनकाउंटर में मारे गये पुष्पेन्द्र यादव के दुख से ग्रसित परिवार पर आज एक और दुख का पहाड़ गिर पड़ा। पोते पुष्पेन्द्र की मौत के गम में रविवार की सुबह लगभग 80 वर्षीय दादी का रात्रि में अकास्मिक निधन हो गया है। पहले पुष्पेन्द और अब उनकी दादी के निधन से परिवार में गहारा शोक छाया है। गौरतलब है कि पिछले रविवार को झांसी के जिस घाट पर पुष्पेंद्र यादव का अंतिम संस्कार किया गया था वहां ठीक एक सप्ताह बाद यानी आज पुष्पेंद्र की दादी को मुखाग्नि दी गई। पूरे करगुवां गांव में एक बाद फिर शोक की लहर दौड़ गई है।