• दस माह से नहीं दिया वेतन, मांगा तो पीटा
    झांसी। मुझे माफ करना क्योकि सुपरवाईजर व ठेकेदार ने अपने साथियों के साथ उसके कपड़े उतारकर मारपीट की तथा जानवरों जैसा व्यवहार किया, उसे दस माह से वेतन नही दिया, मैं बच्चों का खर्च भी नही उठा पा रहा हूं। यह व्यवस्था उस युवक की है जो सुपरवाईजर व ठेकेदार के उत्पीडऩ को बर्दाश्त नहीं कर सका और गले में फांसी का फंदा कस कर आत्महत्या कर ली। मृतक द्वारा लिखे गए सोसाइड नोट से उसकी व्यथा उजागर होने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
    कोतवाली थाना क्षेत्र के देवलाल चौबे का अखाड़ा डडिय़ापुरा निवासी ४० वर्षीय सोहन लाल साहू उर्फ सोनू पुत्र अनिल साहू चित्रा चौराहा स्थित देशी शराब के ठेका पर काम करता था। आज सबेरे उसके बच्चे स्कूल चले गये तथा पत्नी सिलाई सेन्टर चली गई। इसी दौरान उसने छत पर लगे कुन्दा से साड़ी बांधी और उसके दूसरे छोर का फंदा गले में कस कर झूल गया। दोपहर जब बच्चे स्कूल से वापस घर पहुंचे तो उन्होंने अपने पिता के शव को फंदे पर झूलते देख कर शोर मचा दिया। इस पर परिजन व आस पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे। मृतक के भाई राहुल साहू की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की तो घटना स्थल से मृतक के हस्तलिखित सुसाइड नोट मिल गया। उसमें मृतक ने अपने भाई को सम्बोधित करते हुए लिखा था ‘मेरे प्रिय छोटे भाई, मुझे माफ कर देना क्योकि सुपरवाईजर मनीष राय, ठेकेदार पुनीत गुप्ता ने अपने साथी सचिन साहू देवेश साहू के साथ मिलकर कपड़े उतारकर उसकी मारपीट की, मेरे साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया। दस माह से मेरा वेतन नही दिया तु हे मालूम है कि मै अपने बच्चो का खर्च भी नही उठा पा रहा हूं, ठेकेदार ने कहा कि सीपरी थानाध्यक्ष हमारे रिश्तेदार है, तुम्हे बिना वेतन के ही काम करना पड़ेगा, नही तो तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लिखाकर तुम्हें व तुम्हारी पत्नी एवं भाई को जेल में सड़वा देगें। मैं और बेज्जती बरदाश नही कर सकता। इसलिए मैं आज इन लोगों से परेशान होकर मौत को गले लगा रहा हूं, मुझे माफ कर दो, अपनी भाभी, भतीजी व भतीजे का ख्याल रखना भगवान माफ करे।Ó इस पत्र को कब्जे में लेकर पुलिस ने घटना स्थल की जांच की और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मृतक के पास मिले सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।