• एनसीआरएमयू ने श्रमिक विरोधी नीतियों की आलोचना कर ज्ञापन सौंपा
    झांसी। रेलवे में चल रहे अंधाधुंध निजीकरण के विरोध में एआईआरएफ के आवाह्न पर नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मैंस यूनियन के तत्वावधान में रेल कर्मियों ने जुलूस निकाला और मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यालय पर सभा कर सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए रेल मंत्री के नाम एक आठ सूत्रीय ज्ञापन मंडल रेल प्रबंधक को सौंपा और आंदोलन की चेतावनी दी।
    रेल कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मैंस यूनियन के मंडल कार्यालय से जुलूस निकाला। जुलूस डांडी मार्च चौराहे से होकर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर पहुंच कर सभा के रूप में परिवर्तित हो गया। सभा को संबोधित करते हुए मंडल सचिव आरएन यादव ने कहा कि रेल हमारी मां है, हम किसी भी कीमत पर अपनी मां को बिकने नहीं देंगे। जिस प्रकार रेलवे में अंधाधुंध रूप से निजीकरण किया जा रहा है वह न सिर्फ रेल के लिए बल्कि रेल उपभोक्ताओं के भी हित में नहीं है। मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति वाली निजी कम्पनियों को सिर्फ और सिर्फ अपने मुनाफा कमाने से मतलब होता है। निजी कंपनियां रेल कर्मियों की पीढिय़ों की मेहनत से खड़े किये संसाधनों का दोहन कर मुनाफा कमायेंगी और फिर हाथ झाड़कर अलग हो जायेंगीं। उन्होंने कहा कि रेलवे में समस्या कर्मचारियों की वजह से नहीं वरन अफसरशाही की वजह से है। यदि रेल चलाना इन अधिकारियों के बस का नहीं रह गया तो इसका संचालन कर्मचारियों को सौंप दें, कर्मचारी हर तरह से रेल चलाने में सक्षम और समर्थ हैं। रेल चलाएंगे तो उपभोक्ता भी फायदे में रहेगा कर्मचारी भी और रेल को भी फायदा ही देंगे। सभा की अध्यक्षता मंडल सचिव एचएस चौहान ने की। संचालन पवन झारखडिय़ा ने किया।
    सभा के उपरांत मंडल सचिव के नेतृत्व में रेल मंत्री के नाम एक आठ सूत्रीय ज्ञापन मंडल रेल प्रबंधक को सौंपा गया। ज्ञापन में मुख्य रूप से भारतीय रेल रोलिंग स्टाफ कंपनी बनाने के प्रस्ताव को रद्द करने, तेजस व अन्य 150 गाडिय़ों के निजीकरण प्रस्ताव को तुरंत रद्द करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, निजीकरण हेतु बनाई गई कमेटियों को भंग करने, रेलवे द्वारा संचालित बंद कर दी गई प्रिंटिंग प्रेसों को पुन: चालू करने, टीटीई स्टाफ को रनिंग दर्जा देने आदि मांगें शामिल रहीं। इस अवसर पर जोनल पदाधिकारी वीएस कंसाना, आरके सोनी, अजय यादव, आरएन उपाध्याय, मंडलीय पदाधिकारी मो0 शकील, मनोज जाट, नीरज उपाध्याय, अशोक त्रिपाठी, पीके स्याल, आईलिन लाल, बीके यादव, राम नरेश यादव, विष्णु कुमार, विभिन्न शाखाओं से भावेश कुमार, एमपी द्विवेदी, सुनील पाल, अमर सिंह, डीके खरे, मनोज बघेल, अजय शर्मा, जगत यादव, नितिन शर्मा, उषा सिंह, मंजू अस्थाना, कल्पना गुबरेले इत्यादि सैंकड़ों की संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।