• जमीन के दाखिल-खारिज हेतु ले रहा था छह हजार की रिश्वत
    झांसी। जमीन का दाखिल-खारिज करने के लिए लेखपाल द्वारा रिश्वत के रूप में छह हजार रुपए मांगना महंगा पड़ गया। एण्टी करप्शन ब्यूरो ने झांसी के प्रमुख इलाइट चौराहा पर लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया।
    दरअसल, झांसी के इमलीपुरा निवासी हरीशंकर ने कुछ दिनों पहले ग्राम रोनिजा मौजा में अपनी मां के नाम से लगभग एक एकड़ जमीन खरीदी थी। जमीन खरीदने के बाद उसका दाखिल खारिज कराना था। इस काम के लिए हरी शंकर ने एक माह पूर्व रोनीजा मौजा के लेखपाल पीयूष रिछारिया निवासी सिविल लाइन से सम्पर्क किया तो उसने तमाम विसंगतियां बताते हुए उसके एवज में छह हजार रुपये रिश्वत की मांग की। रिश्वत न देने पर उसने दाखिल खारिज करने से मना कर दिया। परेशान होकर हरी शंकर ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में की।
    हरिशंकर की शिकायत का परीक्षण कर एण्टी करप्शन ब्यूरो के मुख्यालय द्वारा टीम का गठन किया गया। इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी दी गयी। इसके बाद योजना के अनुसार हरी शंकर ने जमीन के दाखिल खारिज के लिए लेखपाल पीयूष को मांगे गए रिश्वत के छह हजार रुपए देने को कहा। लेखपाल ने रिश्वत के रुपए तहसील के स्थान पर इलाइट चौराहा पर लेने को कहा। इस पर एण्टी करप्शन की टीम निरीक्षक सुरेश सिंह, निरीक्षक प्रेमकुमार, निरीक्षक अमरीश कुमार, मख्ुय आरक्षी राजबहादुर, सिपाही कान्ती कुमार पाण्डेय व वीना ने इलाइट चौराहा पर जाल बिछा दिया। चौराहा पर लेखपाल ने जैसे ही शिकायतकर्ता हरी शंकर से रिश्वत के रुपए लिए एण्टी करप्शन की टीम ने मौके पर ही रंगे हाथों दबोच लिया। लेखपाल को लेकर टीम थाना नवाबाद पहुंच गयी। इसकी जानकारी लगने पर लेखपाल को बचाने के लिए सिफारिशों का तांता लग गया, किन्तु मामला मीडिया में उछलने व थाने में मीडिया कर्मियों की मौजूदगी के चलते किसी की दाल नहीं गल पायी। एण्टी करप्शन टीम द्वारा आरोपी लेखपाल के खिलाफ विधिक कार्यवाही कर दी। इससे राजस्व अमले में अफरा-तफरी मची है।