• भारत व रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास इंद्र-2019 का हुआ आगाज
    झांसी। जनपद के बबीना सेन्य क्षेत्र में आज भारत और रूस के बीच 11 वें संयुक्त युद्ध अभ्यास इंद्र 2019 का उद्घाटन दक्षिणी कमान के स्टाफ अध्यक्ष ले. जनरल डी0एस0 अहूजा और रूस के पूर्वी सैन्य जिले की पांचवीं सेना के प्रमुख कमाण्डर मेजर जनरल सेकोव ओलेग के मुख्य आतिथ्य में किया गया। दोनों अफसरों ने परेड की समीक्षा की।
    इस समारोह में रूसी और भारतीय सैन्य टुकडि़य़ों ने टैंक की परेड सहित उत्कृष्ट मार्चिंग का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में स्काई ड्राइवर्स के दल आकाशगंगा के 10 सदस्यों ने इन्द्र 2019 ध्वज के साथ हेलिकॉप्टर से छलांग लगाई। समारोह का प्रमुख आकर्षण कलरीपट्टू (केरल की युद्ध कला जो विश्व की सबसे पुरानी युद्ध कला मानी जाती है) और मलखम रहा जिसमें भारतीय सेना द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मिलिट्री बैंड द्वारा सभी का उत्साहवर्धन भी किया गया।
    भारतीय वायु सेना के सारंग हेलीकॉप्टर प्रदर्शन दल ने हवा में एयरोबेटिक्स के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया इस दल का नेतृत्व पायलट सचिन आनंद गदरे कर रहे थे। परेड को संयुक्त रूप से कर्नल संदीप पुनिया और रूस के लेफ्टिनेंट कर्नल कोज़लोवी एंड्री अलेक्जेंड्रोविच ने कमांड किया। इस दौरान भीष्म टैंक की परेड का भी आयोजन किया गया इस परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट हिमांशु कर रहे थे। संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने वाले दोनों देशों के प्रतिभागी उद्घाटन समारोह के दौरान बहुत उत्साहित नजर आ रहे थे इस तरह के युद्धाभ्यास दोनों देशों के निकट भविष्य के लिए एक स्वस्थ और लाभप्रद संबंध स्थापित करेंगे।
    गौरतलब है कि यह अभ्यास भारत में आयोजित होने वाला पहला विदेशी सेना अभ्यास है, जिसमें दोनों देशों की थल सेना, नेवी और एयरफोर्स शामिल हैं। जनपद झांसी के बबीना में थल सेना का, पुणे में वायु सेना का और गोवा में जल सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास प्रारंभ हुआ। इस अभ्यास में दोनों देशों की सम्बन्धित सेवाओं के कम्पनी के आकार के मैकेनाइज्ड टुकडिय़ां, फाइटर, ट्रांस्पोर्ट एयरक्राफट, नौसेना के जहाज भाग ले रहे हैं। इसमें भारतीय सेना की ओर से गार्ड रेजीमेण्ट की टुकड़ी भाग ले रही है। इसमें आतंकवाद निरोधी अभियानों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण व्याख्यान, प्रदर्शन व अभ्यास आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान दोनों देश इन परिस्थितियों का मुकाबला करने व संयुक्त अभियानों के लिए अभ्यास और प्रक्रियाओं को परिष्क्रत करने में अपने बहुमूल्य अनुभवों को साझा करेंगे। इस सैन्य अभ्यास का समापन बहतर घण्टे के सत्यापन चरण केसाथ होगा।
    संयुक्त सैन्य अभ्यास इंद्र 2019 का उद्देश्य आतंकवाद के वैश्विक खतरे का मुकाबला करने में भूमि, समुद्र और वायु पर सशस्त्र बलों की अंतर-क्षमता, संयुक्त कौशल, परिचालन ऊर्जा को बढ़ाना है। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में शांति बनाए रखने में एक-दूसरे की सहायता करने के लिए प्रशिक्षण देंगे। 10 दिनों के अभ्यास में मुख्यत: हवाई लैंडिंग, रिहायशी क्षेत्रों में युद्ध, सड़क निर्माण और बाधित सड़कों को खोलना, दुश्मनों को खोज कर खत्म करना, बचाव कार्य और स्वयं का बचाव करते हुए दुश्मनों को निशाना बनाना आदि पर केन्द्रित होगा। नौसेना समुद्र में संचार मार्गों को सुरक्षित रखने, किसी द्वीप पर आतंकवादी ठिकाने को नष्ट करना, मानव रहित लड़ाकू विमानों द्वारा आतंकी संगठनों को एक दूसरे को सहायता देने से रोकना, समुद्री डाकू शिविरों और अन्य आतंकी संगठनों को समाप्त करना आदि पर एक दूसरे से प्रशिक्षण लेगी।
    दरअसल, वर्तमान में वैश्विक स्तर पर आतंकवाद फैल रहा है जिससे अधिकांश देश प्रभावित हैंए कहीं आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों से वैश्विक शांति को खतरा है तो कहीं समुद्री डाकुओं से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को खतरा है। वैश्विक शांति बनाए रखने के लिए कई देश संयुक्त युद्धाभ्यास करते रहते हैं जिससे वे एक दूसरे की रणनीति को जानकर कम से कम समय में उचित कार्यवाही कर सुरक्षा प्रदान कर सकें। इसी तरह भारत और रूस के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास इंद्र की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी अभी तक कुल 10 बार दोनों देशों में संयुक्त युद्धाभ्यास किया जा चुका है। यह युद्धाभ्यास पांच बार रसिया और पांच बार भारत में आयोजित हो चुका है। पहले यह युद्धाभ्यास केवल थल सेनाओं के लिए होता था लेकिन 2017 से यह युद्ध अभ्यास जल सेना, थल सेना और वायु सेना तीनों के मध्य किया जाने लगा।