झांसी। न्यू रायगंज सीपरी बाजार प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन कथावाचक ने रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर प्रकाश डाला। व्यास पीठ के पूजन व भजन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई।
श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में भागवताचार्य श्री महंत मदनमोहन दास ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने और चिंतन से कई जन्मों के पाप से मुक्ति मिल जाती है। भगवान श्री कृष्ण के गिरिराज महाराज के रूप के बारे वर्णन किया। गिरिराज महाराज के रूप में अपनी लीलाओं से वे पूरे नंद गांव को भ्रम में डाल देते हैं। रुक्मणि विवाह समारोह का आयोजन हुआ। पंडाल श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंज उठा। कथावाचक ने कहा कि भगवान बेटा देए तो गौकर्ण जैसा धंधुकारी की तरह नहीं। कथा श्रवण के लिए अपार श्रद्धालुओं की भी? जमा हो गई। मधुर संगीतमय प्रवचन सुन श्रोता भाव विभोर हो झूमने पर मजबूर हो गए। कथा के अंतिम प्रसंग श्री कृष्ण.रुक्मिणी विवाह तो मानो श्रोताओं को अभिभूत कर गया। कथा वाचक ने श्री कृष्ण के गोपियों संग निश्छल प्रेमए आततायी कंस वध के साथ राज तिलक एवं विवाह प्रसंग की बारीकियों को विस्तार से प्रस्तुत कर समाज को रास्ता दिखाया। उन्होंने लोगों को प्रेम से विजय प्राप्ति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रेम की भक्ति लोगों को अमर बनाती है। श्री कृष्ण से चैतन्य महाप्रभु एवं मीराबाई इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। मीरा एवं चैतन्य महाप्रभु श्रीकृष्ण के प्रेम भक्त थे। आरती राज्यसभा सांसद चंद्रपाल सिंह यादव, मुख्य परीक्षत डॉक्टर वंदना अवस्थी-रामकुमार शुक्ला ने की। कार्यक्रम में श्रीराम बिलगैंयां, पार्षद कन्हैया कपूर, अरविंद वशिष्ठ, सोनू श्रीवास्तव, अनिल सेंगर, गुण्डन परमार, शंभू सेन, मनीष पाठक आदि उपस्थित रहे।