• मालगोदाम के स्थल पर मंथन, कुरूक्षेत्र से खजुराहो तक मिल सकती है नई रेल
    झांसी। मण्डल रेल प्रबन्धक संदीप माथुर ने बताया कि बहुप्रतीक्षित सीपरी बाजार ओवर ब्रिज के रुके कार्य में प्रगति मार्च माह तक देखने को मिलेगी, इसका ठेका आवंटित हो गया, दो गार्डर आ गए हैं व मटैरियल मिल गया है। उन्होंने दावा किया कि अगले वर्ष में पुल के कमीशन होने की सम्भावना है। मण्डल के ग्वालियर का मालगोदाम रायरू में स्थानान्तरित किया जा चुका है और झांसी के मालगोदाम के स्थानांतरण के लिए दो-तीन स्थल चिन्हित किए गए हैं, इन पर विचार-विमर्श जारी है।
    मण्डल रेल प्रबन्धक द्वारा छह माह में मण्डल में किए गए महत्वपूर्ण कार्य व भविष्य के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि झांसी ए एवं बी केबिन पर इलैक्ट्रोमैकेनिकल प्रणाली के स्थान पर इलेक्ट्रानिक इण्टरलॉकिंग प्रणाली शुरू कर दी गयी है। मैकेनिकल प्रणाली को झांसी यार्ड में भी समाप्त करने के प्रयास जारी हैं जबकि रानीपुर-कुलपहाड़ खण्ड पर अप्रैल-मई तक समाप्त किए जाएंगे। इलैक्ट्रिक लोको शेड में अब गुडस के साथ ही पैसेंजर ट्रेनों के लोको का मेण्टीनेंस का काम शुरू हो गया है। अभी दस लोको शेड को मिले हैं। झांसी स्टेशन पर गांधी गेलरी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए झांसी स्टेशन पर प्लेटफार्म नम्बर दो व तीन पर रैम्प का काम चल रहा है जो जनवरी के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा नया एफओबी बनाया जा रहा है जो रैम्प, लिफट, एक्सलेटर से सुस’िजत होगा। आरक्षण केन्द्र को शीघ्र ही यात्री शेड में नए भवन में स्थानांतरित किया जा रहा है और पुराने आरक्षण केन्द्र के भवन को आईआरसीटीसी द्वारा वीआईपी रूम में परिवर्तित किया जाएगा। इसी तरह सकुर्लेटिंग एरिया में वीआईपी पार्किंग विकसित करने के साथ आधुनिक बनाये जाने की प्लानिंग है। झांसी में क्लीन ट्रेन स्टेशन व क्लीन ट्रेन तथा स्टेशनों पर सफाई को और बेहतर करने के प्रयास जारी हैं।
    झांसी से प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एक्सप्रेस उत्कृष्ट रैक से संचालित हो रही है और भविष्य में अन्य ट्रेनों में भी इस प्रकार के रैक लगाने की योजना है। कोटा-भिण्ड पैसेंजर को इटावा तक बढ़ा दिया गया है, मुस्करा स्टेशन पर छह माह हेतु ट्रेनों का हाल्ट दिया गया है, भविष्य में इसे बढ़ाया जा सकता है। ऊसरगांव नए स्टेशन का शुभारम्भ होने, टीकमगढ़ स्टेशन पर विकलांग व आम यात्री सुविधाओं में वृद्धि की गयी है। झांसी-मानिकपुर खण्ड के विद्युतीकरण होने से ट्रेनों का विद्युत इंजन से संचालन किया जा रहा है, इससे डीजल की बचत के साथ ही ट्रेनों समयबद्धता में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कुरुक्षेत्र से खजुराहो तक वाया ग्वालियर, झांसी एवं ललितपुर नई ट्रेन सेवा शीघ्र शुरू होने के सम्बन्ध में जानकारी दी।
    इसके साथ ही झांसी-बीना खण्ड पर तीसरी लाइन का कार्य भी तेजी से चल रहा है। तीसरी लाइन का झांसी से बबीना तक का कार्य मार्च माह तकपूर्ण होने की संभावना है। झांसी-कानपुर खंड पर दोहरीकरण का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। इस लाइन पर झांसी से पारीछा तक 50 किमी का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं पारीछा से नन्दखास तक 25 किमी का कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा, यह काम आज से शुरू कर दिया गया है। इसके बाद उरई सेक्शन में 25 किमी का कार्य अगले वर्ष पूर्ण हो जाएगा। इस तरह झांसी से कानपुर तक का कार्य 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। गोविन्दपुरी स्टेशन पर लूप लाइन बनायी जा रही है, इसके बन जाने से झांसी की गाडिय़ों को निकलने में सुविधा रहेगी। यह कार्य जनवरी के मध्य तक पूर्ण होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष समस्या भरा रहेगा क्योंकि थर्ड लाइन का काम यहां बबीना के बाद होगा और उधर, ग्वालियर, सिथौली, डबरा, आंतरी में काम चलेगा। इसके कारण ब्लाक व काशन आर्डर की प्लानिंग होने से समस्या आएगी।
    कोहरे पर ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन
    डीआरएम ने बताया कि कोहरे के कारण सीमित दृश्यता से परिवहन व्यवस्था विशेष रूप से माल और कोचिंग ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह से प्रभावित होता है। जिससे ट्रेनें विलंबित होती हैं और ट्रेनों को रीशिड्यूल करना पड़ जाता है या कई बार असामान्य देरी से चलने के कारण रद्द भी करना पड़ता है। हालांकि, इस सर्दियों में मंडल ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें पिछले वर्षों के नियमित क्रियाओं के साथ-साथ नई पहल भी शामिल है ताकि ट्रेन परिचालन पर कोहरे के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके। इसके तहत कम दृश्यता संबंधी मामलों से निपटने के लिए लोको पायलटों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है जिससे वह रेल पथों पर परिस्थिति के अनुसार रेलगाड़ी की गति सीमा को अपने विवेक और सूझबूझ के साथ नियंत्रित कर सकेगा। इस वर्ष सभी गाडिय़ों में लोको पायलट को फोग सेफ्टी डिवाइस दी जा रही हैं जिससे दृश्यता कम होने पर सिग्नल, लेवल क्रासिंग, व्हिसल बोर्ड इत्यादि की सही लोकेशन के बारे में जानकारी प्राप्त हो रही है। इसकी मदद से कोहरे में गति सीमा जो पहले अधिकतम 60 किमी प्रति घंटा थी अब वह बढकर अधिकतम 75 किमी प्रति घंटा हो गई है। सभी कॉशन बोर्ड, सीटी बोर्ड आदि की बेहतर दृश्यता के लिए रेट्रो रिफ्लेक्टिव कोटिंग की जा रही है ताकि कम दृश्यता की स्थिति में लोकोपायलटों को सहायता मिल सके। ट्रेन में चल रहे इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल व कमर्शियल स्टाफ को फायर फाइटिंग की ट्रेनिंग दी गई है।
    उन्होंने बताया कि कोहरे से विलम्बित ट्रेनों में पानी व साफ -सफाई के विशेष प्रबन्ध किये जा रहे हैं। एक विशेष पहल के तहत लोको पायलटों को पूर्ण विश्राम मिल सके इसके लिए उनके फैमिली की विशेष रूप से काउंसलिंग की जा रही है। डीआरएम ने मीडिया कर्मियों से अपील की कि कोहरे के मौसम के दौरान वह लगातार लोगों को विभिन्न सावधानियों जैसे फुटबोर्ड पर यात्रा न करेें, एक प्लेटफ ार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ऊपरी पैदल पुल का प्रयोग करें, समपार फाटक बंद होने पर उसे पार न करें इत्यादि के प्रति जागरूक करने में रेलवे की मदद करें, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके। एक सवाल के जवाब में डीआरएम ने बताया कि रात की पाली में डयूटी करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त हैं और रात डयूटी करने पर पाबंदी सम्बन्धी कोई आदेश बोर्ड से नहीं मिला है। उन्होंंने बताया कि संवेदनशील पदों पर तीन वर्ष से अधिक से तैनात कर्मियों को स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी है। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक अमित सेंगर, वरिष्ठ मंडल वाणि’य प्रबंधक जितेन्द्र कुमार, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक शशिकांत त्रिपाठी एवं जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।