झांसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0 06 ममता गुप्ता की अदालत में गर्भवती महिला की जलकर मौत के मामले में गवाहों के पक्षद्रोही होने के बाद भी दहेज लोभी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल एवं रवि प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि ग्राम बम्हौरी कला टीकमगढ मप्र निवासी पंचमलाल वंशकार ने 18 मई 2017 को थाना सकरार में तहरीर देते हुये बताया था कि उसकी पुत्री तुलसा वंशकार का विवाह ग्राम भितौरा निवासी मनोज पुत्र चन्द्रभान वंशकार के साथ करीब 1 वर्ष पूर्व सम्पन्न हुआ था। अपनी हैसियत से अधिक दान-दहेज दिये जाने के बाद भी दामाद मनोज दहेज के लिये तुलसा के साथ मारपीट कर मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताडि़त करता था। 17/18 मई की रात्रि तुलसा को जिंदा जलाकर मार दिया। पिता की तहरीर पर सकरार पुलिस ने मनोज के विरूद्ध धारा 498ए, 304बी भा0द0सं0 एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधि0 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना उपरांत धारा 316 की वृद्धि कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान मृतिका के मायके पक्ष सहित सभी गवाहों के ब्यानों से पलट जाने पर अभियुक्त मनोज वंशकार को धारा 498ए, 304बी एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधि0 के आरोप से तो दोषमुक्त कर दिया, लेकिन अभियुक्त को धारा 302 व गर्भ में पल रहे शिशु की हत्या के आरोप में धारा 316 भा0द0सं0 का अपराधी माना और धारा 302 भा0द0सं0 के तहत आजीवन कारावास, 10 हजार रुपये अर्थदण्ड, अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास, धारा 316 भा0द0सं0 के अपराध में 10 वर्ष के सश्रम कारावास, 10 हजार रुपये अर्थदण्ड, अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गयी।