झांसी। पारीछा में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस पारीक्षित जन्म, सृष्टि क्रम वर्णन एवं कपिल अवतार का प्रसंग सुनाते हुए भागवत भास्कर कृष्ण चन्द्र शास्त्री (ठाकुर जी) ने आज कहा कि मानव जीवन और सत्संग ठाकुर जी की कृपा से मिलता है। हमें मिला मानव जीवन प्रभु की कृपा का फल है, सत्संग मिलना और उसके मार्ग पर चलना प्रभु की अतिकृपा है। अपने श्री मुख से भागवत सरिता का प्रवाह कराते हुए वे कहते हैं कि- परमात्मा अविज्ञ है, सर्वज्ञ और सभी में श्रेष्ठ है।
भागवत के प्रथम श्लोक की व्यख्या करते हुए उन्होने कहा कि सत्य ही धर्म और धर्म ही सत्य है सत्य ही शिव और सुन्दर है जीवन में सुन्दरता केवल सुन्दर शरीर नहीं बल्कि सभी में परमात्मा को देखने की कला ही सुन्दर जीवन है, जिस प्रकार धर्म न दूसर सत्य समाना….। कथा हमारे जीवन को बदलती है, जो जीवन की थकावट को खत्म कर दे वही कथा है। कर्म को प्रधान बताते हुए उन्होंने कर्मयोगी बनने का आह्नान किया क्योंकि कर्मयोगी मनुष्य स्वयं अपना भाग्य बदल सकता है। प्राय: उठकर योग करना धरती को प्रणाम करना, सुबह का टहलना स्वस्थ के लिए जरूरी बताया। देश में अवैध रूप से नागरिक बनकर रह रहे घुसपैठियों पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा भारत से लगभग छ: गुना छोटा देश है किन्तु वहां की आबादी मात्र चार करोड़ है जबकि हमारे देश में तो चार करोड़ से अधिक बंगलादेश से आये घुसपैठिये रह रहे है। श्रीमद् भागवत कोई साधारण पोथी नही यह तो साक्षात हरि का वांगमय स्वरूप है, श्रीमद् भागवत तो वेदरूपी कल्प वृक्ष का पका हुआ फल है जिसमें छिलका और गुठली नही केवल रस ही रस है। अठारह हजार सनकादिक ऋषियों द्वारा वेदों की अदभुत वक्ता सूतजी से मानव कल्याणार्थ पूछे गये प्रश्नों का विस्तार से वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि मानव कल्याण का एक ही रास्ता है, वह भगवान की चरणों में भक्ति। भगवान से बिना कुछ मांगे उनका दर्शन करो। मांगने से तो उतना ही मिलेगा जितना तुमने मांगा है और बिना मांगे हुए भगवान से आपको इतना मिलेगा जो कल्पना से परे है, सबमें वही विद्यमान है अत: एक निष्ठ बनों किसी की निंदा न करो।
वैदिक हिन्दू सनातन धर्मानुसार अहिंसा परम धर्म है अर्थात जीव हिंसा कतई नही करनी चाहिए। मानस में गोस्वामी जी लिखते है परहित बस जिनके मनमाही, तिनकहॅु जग दुर्लभ कछु नाहि। परहित सरस धरम नहिं भाई, पर पीडा सम नहिं अधि माई। विजय सदैव सत्य की होती है सत्य पर चलने वाले व्यक्ति परेशान तो हो सकते है किन्तु उसकी हार नही होती। भगवान की 24 अवतारों के नाम गिनाते हुए उन्होंने कहा कि यह 24 अवतार क्रमश: ज्ञान, भक्ति एवं वैराग्य का समुचय हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राष्ट्र का सच्चा सेवक बताते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय का अहित मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए नहीं हो सकता है। अकारण हिंसा करने वालों को सीख देते हुए कथा व्यास ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान (सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुॅचाने वालों से ही करेंगें वसूली) की सराहना की। पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा बात-बात में दी जा रही परमाणु हमले की धमकी पर चुटकी लेते हुए कहा कि आज का परमाणु अस्त्र तो हमारे यहॉ वैदिक काल से ब्रम्हास्त्र के रूप में मौजूद हैं। विज्ञान में विकास तो है पर कभी-कभी विनाश भी हो जाता है इसलिए इस पर अंकुश की जरूरत है। ब्राम्हण, स्त्री, गर्भस्थ शिशु एवं गौ माता को मारना पाप है शास्त्रों ने भी इनकी हत्या को महापाप बताया है।
इस मौके पर संजय शर्मा विधायक तेंदूखेडा (म0प्र0), खरगापुर टीकमगढ़ के विधायक राहुल सिंह लोधी, एम0एल0सी0 रमा आर0पी0 निरंजन, पूर्व एम0एल0सी0 तिलक अहिरवार, कैलाश गुप्ता, जयदेव पुरोहित, विनोद नायक, पुरूषोत्तम स्वामी, प्रमोद कुमारी राजपूत, सपा नेता संतसिंह सेरसा, वीरेन्द्र राय एडवोकेट, भानी देवी गोयल के प्राचार्य सुशील कुमार, पैरामेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ0 नरेेन्द्र सिंह तोमर, डॉ0 ज्ञानेन्द्र कुमार, डॉ0 पारस गुप्ता, डॉ0 पंकज सोनकिया, डॉ0 सचिन माहौर, डॉ0 अमित सहगल, डॉ0 गौरव गुप्ता, डॉ0 विष्णु राय, विनय शर्मा, विनोद अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल, सर्राफा व्यापार मण्डल के अध्यक्ष मुकेष अग्रवाल, क्रेशर यूनियन के अध्यक्ष अशोक आनंदानी, पीयूष जायसवाल, मुकेश गुप्ता, सरदार बलविंदर सैनी, अवतार सिंह, संजीव अग्रवाल लाला, हेमंत परिहार, सोनू बाजपेयी, मनोज झारखडिय़ा, सुधीर सिंह गौर, लखनलाल साहू, हनी साहू, सोनू सकरवार, करूणेश बाजपेयी, प्रवीण समाधिया, जितेन्द्र शर्मा, अंकित राय, पूर्व पार्षद सुजीत तिवारी, आशीष उपाध्याय, अनिल साहू, राजू कमरया, मुकेश मिश्रा, देवीदास साहू, आदि मौजूद रहे। प्रारम्भ में मुख्य यजमान कमली-राजीव सिंह पारीछा (विधायक बबीना) ने श्रीमद् भागवत पुराण का पूजन कर आरती उतारी एवं मंच पर विराजमान श्रीधाम अयोध्या के महंत वैदेही बल्लभ शरण, पारीछा के महंत महावीर दास ब्रह्मचारी, एवं महंत खेरापति सरकार का तिलक एवं माल्र्यापण कर शुभाशीश लिया। संचालन पं0 हरिओम थापक ने एवं आभार आशीष सिंह पारीछा ने व्यक्त किया।