- तीन वर्षों से लापता हैं वॉकी-टॉकी, कई गार्ड सेवा निवृत्त व स्थानांतरित
झांसी। रेलों में सुरक्षा व संरक्षा पूर्वक परिचालन में अहम भूमिका निभाने वाले वॉकी-टॉकी के रखरखाव व देखरेख में लापरवाही के चलते कई खराब हालत में हैं तो उनके चार्जिंग की समस्या सरदर्द बनी हुई। ऐसे में परिचालन में किस तरह से सुरक्षा व संरक्षा का पालन हो पाता होगा यह प्रश्न चिन्ह बना हुआ है। लापरवाही की हालत यह है कि झांसी से लगभग पचास से अधिक वॉकी-टॉकी गायब हैं। सम्बन्धित गार्डों द्वारा उन्हें जमा ही नहीं किया गया है और किसी को नहीं पता कि वह कहां हैं और किस हाल में हैं! इसे रेलों की सुरक्षा से गम्भीर खिलबाड़ माना जा रहा है। लाबी में जमा नहीं किए गए वॉकी-टॉकी के बारे में सूची हाल ही में सहायक मण्डल विद्युत इंजीनियर परिचालन झांसी को भेजी गयी है, किन्तु अभी तक इनका पता लगाए जाने के प्रयास शुरू नहीं हुए हैं।
गौरतलब है कि रेलों के सुरक्षा व संरक्षा पूर्वक परिचालन हेतु गार्डो व लोको पायलट को वॉकी-टॉकी उपलब्ध कराए जाते हैं। इन वॉकी-टॉकी को गार्ड व लोको पायलट को डयूटी के दौरान उपलब्ध कराया जाता है और डयूटी समाप्त होने पर इन्हें लाबी में जमा कराना पड़ता है। हालत यह है कि वर्ष १९१७, १९१८, १९१९ के साथ ही वर्ष २०२० (जनवरी) में पचास से अधिक गार्ड द्वारा अपने-अपने वॉकी-टॉकी को जमा ही नहीं किया गया। इसमें वर्ष १९१७ में ग्यारह गार्ड, वर्ष १९१८ में १३ गार्ड को वर्ष १९१९ में तथा तीन गार्ड को वर्ष २० जनवरी में तीन गार्ड को जारी किए गए थे। इन गार्डों द्वारा डयूटी के दौरान लॉबी से लिए गए वॉकी-टॉकी आज तक जमा नहीं किए गए हैं और न ही इनके बारे में कोई जानकारी दी गयी है।
इस पूरे मामले में आश्चर्यजनक तथ्य यह हैं कि जिन गार्डों द्वारा वॉकी-टॉकी जमा नहीं किए गए हैं उनमें से दो गार्ड तो सेवा निवृत्त ही हो गए और एक गार्ड का पदोन्नति पर स्थानांतरण हो गया है। ऐसे मेंं सवाल यह उठता है कि बिना महत्वपूर्ण सरकारी सम्पत्ति वॉकी-टॉकी जमा किए इन तीनों गार्डों को कैसे अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया गया। उत्तर मध्य रेल के महाप्रबन्धक सहित मण्डल रेल प्रबन्धक को इस मामले को ग ाीरता से संज्ञान में लेकर जांच करवाना चाहिए ताकि एक-दूसरे से स पर्क करने में प्रयोग किया जाने वाला वॉकी-टॉकी जैसा महत्वपूर्ण यंत्रों के गायब होने के पीछे साजिश का खुलासा हो सके। जानकारों की मानें तो यदि यह वॉकी-टॉकी किसी अवांछनीय तत्व के हाथ लग गए होंगे तो इनका दुरुपयोग रेलवे व सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरनाक हो सकता है। सुरक्षा के चलते गायब वॉकी-टॉकी का पता लगाया जाना जरूरी है।
गौरतलब है कि उमरे कर्मचारी संघ की परिचालन शाखा द्वारा कुछ माह पूर्व में ही ज्ञापन के माध्यम से वॉकी-टाकी की समस्या के सम्बन्ध में वरिष्ठ मण्डल दूर संचार अभियंता समन्वय को अवगत कराया जा चुका था, किन्तु इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और अब वॉकी-टॉकी का गायब होना सुरक्षा से खिलवाड़ की बड़ी गम्भीर समस्या बन गया है।