• अधिकारी व्यवस्थाओं पर बोझ ना बने : योगी
    खास बातें
  • परंपरागत त्योहारों को रोका न जाए
  • शिवरात्रि व होली पर्व सौहाद्र्ध पूर्ण हो, सुरक्षा व सतर्कता बनाए रखें
  • शिवालयो के आसपास सफाई, विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें
  • सरकारी आवासों से अवैध कब्जे हटाने को अभियान चलाएं
    झांसी। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिवरात्रि व होली पर्व को सौहार्दपूर्ण मनाने की तैयारियों पर चर्चा करते हुए प्रदेश के उच्च अधिकारियों से कहा कि सक्रियता और सतर्कता से त्यौहार शांतिपूर्वक आयोजित कराए। प्रदेश भर के समस्त शिवालयों में ब्रहम महूर्त से ही जलाभिषेक प्रारंभ हो जाएगा। अत: साफ -सफाई के साथ विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर ली जाए। इसके साथ ही शिवालयों के आसपास जैम की स्थिति न हो, यातायात व्यवस्थित रहे। उन्होंने उपद्रवियों पर नजर रखने हेतु भीड़ भाड़ वाले इलाकों में सीसी टीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। 9 मार्च को होली दहन और होली समारोह आयोजित होंगे। होली आयोजन पर सतत् दृष्टि बनाए रखें, कहीं पर भी अप्रिय घटना न हो। समारोह के आयोजकों से अवश्य संवाद स्थापित करें और सकारात्मक रूप से उनसे जुड़े। उन्होंने कहा कि होली का मतलब हुड़दंग नहीं हो सकता, कोई रंग डालने से मना करता है तो जबरदस्ती ना करें।
    प्रदेश के मुखिया प्रशासनिक व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि विगत वर्षों में लगातार शिवरात्रि और होली पर घटनाओं में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कोई घटना घटित ना हो, यह सुनिश्चित करें। ऐसे जिले जहां पूर्व में घटना कोई घटना हुई है, वह अवश्य पर्व की तैयारियों की गहन समीक्षा कर लें। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर एनजीओ व व्यापारियों के साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी प्रयास करें। कान्फें्रस में उन्होंने आइजीआरएस पोर्टल जो अब समाधान पोर्टल बन गया, आरोग्य मेले का आयोजन, निराश्रित गौवंश, अवैध खनन तथा स्मार्ट सिटी की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा स्पष्ट कहा कि अधिकारी व्यवस्थाओं पर बोझ ना बने। योजनाओं के कार्यों को गंभीरता व संवेदनशीलता से समय सीमा में पूर्ण कराएं। उन्होंने स्मार्ट सिटी की समीक्षा करते हुए कहा कि जनवरी माह में तीसरी बार समीक्षा की गई परंतु इसके बाद भी कार्यों में कोई प्रगति नहीं हो रही है यह खेद जनक है।
    आईजीआरएस की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि फील्ड में जाते हैं तो ढेरों समस्या मिलती है। अधिकारी कई बार कहने के बाद भी जन सुनवाई नहीं करते है। जिलाधिकारी स्वयं व अपने अधिकारियों को प्रात: कार्यालय में बैठकर जनता की शिकायतों को सुनने व उनके निस्तारण के निर्देश दें। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निस्तारण क्वालिटी के साथ नहीं हो रहा है, यह ताज्जुब है। उन्होंने आरोग्य मेला का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया। निराश्रित गौवंश की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड की चित्रकूट, बांदा व जालौन में प्रगति संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम आयोजित कर समस्त गौवंश को ईयरटेक से आच्छादित किया जाए। गौ आश्रय स्थल में यदि गोवंश की मौत होती है तो उसे तत्काल दफनाए जाने की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सरकार की छवि के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। खनन की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि बुंदेलखंड में अवैध खनन से रोका जाए। उन्होंने डीएमएफ के लिए प्लानिंग तय करते हुये व्यय करने का सुझाव दिया। खनन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाये उपलब्ध कराने व स्किल डवलपमेन्ट सेन्टर खोले जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डीएमएफ 660 करोड़ का है और 40 प्रतिशत खर्च हुए हैं यह स्थिति संतोषजनक नहीं है। 1 मार्च 2020 से संचारी रोग नियंत्रण अभियान प्रारंभ हो रहा है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि कही की पीएचसी को केंद्र बिंदु बनाएं तथा अभियान में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करें, ऐसा करने से अभियान का प्रचार प्रसार होगा। इस मौके पर एनआईसी कक्ष में मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा, जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी, एसएसपी डी प्रदीप कुमार, नगर आयुक्त मनोज कुमार, अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, सीडीओ निखिल टीकाराम फुंडे, एसडीएम राम अक्षयव्य चौहान सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।