• विजीलेंस के हत्थे चढ़ा रेलवे के फर्जी टिकट बेचते सीनियर बुकिंग क्लर्क
    बुन्देलखण्ड (बांदा/संवादसूत्र)। उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद की सतर्कता टीम को दो सप्ताह की रैकी करके झांसी मण्डल के अतर्रा स्टेशन पर रेलवे के अनारक्षित टिकट बुकिंग काउण्टर पर संचालित समान्तर रेलवे टिकट काउण्टर का भण्डाफोड़ कर दिया। इस कार्यवाही से मण्डल मेें सनसनी मच गयी। सतर्कता टीम ने सीनियर बुकिंग क्लर्क को रंगे हाथों दबोच कर काउण्टर से अतर्रा से हजरत निजामुददीन के 41 फर्जी टिकट और नगदी बरामद कर जीआरपी में थाने में रिपोर्ट दर्ज करा कर जेल भेज दिया। इस प्रकरण में सकते में आए रेल प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी सीनियर बुकिंग क्लर्क को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया।
    बताया गया है कि रेलवे के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (यातायात) उत्तर मध्य रेलवे ब्रजेश कुमार मिश्र द्वारा गठित टीम द्वारा गोपनीय सूचना के आधार पर उमरे के झांसी मण्डल के अतर्रा स्टेशन पर अनारक्षित बुकिंग केन्द्र पर लगभग एक सप्ताह से रैकी की जा रही थी। रैकी के दौरान सुराग मिलने पर टीम ने रविवार की सुबह अनारक्षित टिकट केन्द्र में उस काउण्टर पर छापा मारा जिस पर डयूटी पर सीनियर बुकिंग क्लर्क दौलत राम मौजूद था। इस कार्यवाही के दौरान टीम को अतर्रा से हजरत निजामुददीन तक यात्रा के 41 फर्जी अनारक्षित टिकट हाथ लगे, जोकि 8610 रूपए के थे। इसके अलावा काउण्टर पर 7000 रुपये अतिरिक्त बरामद हुए। पूछताछ करने पर दौलत राम बरामद टिकटों के बारे में इधर-उधर घुमाता रहा, किन्तु साफ कुछ नहीं बता सका। इस पर सतर्कता टीम ने सीनियर बुकिंग क्लर्क दौलतराम को पकड़ लिया और बांदा में जीआरपी थाने के हवाले कर दिया। यहां अतर्रा रेलवे स्टेशन अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद मिश्रा की तहरीर पर आरोपी सीनियर लिपिक दौलत राम के विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468 और 471 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी। आरोपी को न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया। इस फर्जीबाड़ा के पकड़े जाने की जानकारी लगने पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक झांसी डॉ. जितेन्द्र कुमार ने पकड़े गए आरोपी लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। सूत्रों की मानें तो जांच की जा रही है कि आरोपी द्वारा अपने कार्यकाल में फर्जीबाड़ा कर रेलवे को कितने लाख का चूना लगाया और इस रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं। अतर्रा में तैनाती के पूर्व उसके तैनाती कार्य स्थल का रिकार्ड भी खंगाला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो विजीलेंस के हाथ इस फर्जीबाड़ा के रैकेट में शामिल कई अन्य की गिरेबां तक पहुंच सकते हैं। विजीलेंस का मानना है कि यह काम अकेले सीनियर क्लर्क नहीं कर सकता।
    दो हफ्ते से स्टेशन में रैकी कर रही थी सतर्कता टीम
    गोपनीय सूचना के आधार पर टिकट का फर्जीवाड़ा पकडऩे के लिए विजिलेंस टीम दो हफ्ते से अतर्रा रेलवे स्टेशन पर रेकी कर रही थी। टीम ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहती थी कि आरोपी हाथ से फिसल जाए और सबूत नष्ट हो जाएं। इसके लिए टीम फूंक कर कदम रख रही थी। दरअसल, सतर्कता टीम के सदस्य ने छापे के एक दिन पूर्व (13 मार्च) अतर्रा से हजरत निजामुददीन का अनारक्षित टिकट खरीदा, लेकिन उस दिन फर्जी टिकट नहीं बना। इस पर टीम के सदस्य चित्रकूट के एक होटल में रुक गए। शनिवार को टीम ने अनारक्षित टिकट काउण्टर से खरीदा गया एक यात्री का टिकट चेक किया तो वह फर्जी निकला। इसी के बाद टीम ने बुकिंग काउंटर पर छापा मारा।
    असली टिकट से लंबी दूरी का बनता था फर्जी टिकट
    सीनियर बुकिंग क्लर्क दौलतराम फर्जी टिकट के लिए अतर्रा से बांदा का सामान्य श्रेणी का 10 रुपये का टिकट निकालता था। उस टिकट को स्टेशन के बाहर ले जाकर एक कैफे में फर्जी टिकट के रूप में बदला जाता था। फर्जी टिकट में इस असली टिकट का सीरियल नंबर डाला जाता था। अतर्रा से हजरत निजामुद़्दीन का किराया 210 रुपये फर्जी टिकट में दर्ज किया जाता था। मुंबई की ट्रेन तुलसी एक्सप्रेस की जनरल बोगी का 350 रुपये का फर्जी टिकट भी बरामद हुआ।
    फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने वाली टीम
    फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने वाली उमरे इलाहाबाद की सतर्कता टीम में सतर्कता निरीक्षक (यातायात) प्रवीण आनंद, संतोष पांडेय, शरद यादव, राहुल श्रीवास्तव और जितेंद्र सिंह सहित आरपीएफ (प्रयागराज) के जगवीर सिंह व रमेश कुमार तथा गैंगमैन बनारसी लाल व रामचंद्र (प्रयागराज) शामिल थे।