• जांच कर दोषियों पर कार्यवाही नहीं होने पर छिड़ेगा आंदोलन : डॉ. तिवारी
    झांसी। तालाब संरक्षण समिति की बैठक नवग्रह मंदिर के पास समिति के संयोजक व उत्तर प्रदेश कांग्रेस पंचायत चुनाव समिति के केन्द्रीय सदस्य डा. सुनील तिवारी के मुख्य आतिथ्य एवं भुवनेश्वर प्रसाद वर्मा एडवोकेट की अध्यक्षता में हुई जिसमें लक्ष्मी तालाब के संरक्षण व सुंदरीकरण के लिये स्वीकृत बजट में हुई घपलेबाजी की जांच कराये जाने की मांग की।
    बैठक में डा. सुनील तिवारी ने प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुये कहा कि ऐतिहासिक लक्ष्मी तालाब का एरिया सरकारी अभिलेखों में ८३.६६ एकड़ दर्ज है। तत्कालीन मण्डलायुक्त सत्यजीत ठाकुर ने लक्ष्मी तालाब की जमीन को चिन्हित कर चीरा लगवाये थे और सम्पूर्ण क्षेत्रफल के हिसाब से वर्ष २०१२ में केन्द्र की यूपीए सरकार ने तालाब के संरक्षण एवं सुंदरीकरण हेतु ६३ करोड़ की डीपीआर स्वीकृति प्रदान की थी परन्तु मोदी सरकार ने इस राशि को घटाकर ५४ करोड़ कर दिया था। सुंदरीकरण कार्य हेतु कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश जल निगम ने मात्र लगभग ६० एकड़ जमीन पर ही सुंदरीकरण का कार्य करते हुये ५४ करोड़ की धनराशि को खर्च कर दिया है जिससे सुंदरीकरण का कार्य आधा अधूरा रह गया है। जब कि तालाब संरक्षण समिति शुरू से ही तालाब की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करा कर सुंदरीकरण का कार्य कराने की मांग करती रही है। प्रशासन की उदासीनता के चलते भूमाफियाओं को अतिक्रमण करने की खुली छूट मिलती रही है और अब आवंटित बजट में घपलेबाजी की शिकायतें आयी हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव से आवंटित धनराशि के साथ जिन अधिकारियों और ठेकेदारों ने खिलवाड़ किया है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही करने और कार्यवाही न होने पर जन आंदोलन की चेतावनी दी है। बैठक में राजेन्द्र शर्मा एडवोकेट, सभासद सुलेमान अहमद मंसूरी, विकास खत्री, अरविंद बबलू, कन्हैया कपूर, मो. जावेद, अखलाक मकरानी संध्या सिंह, डा. नईम, अरूण द्विवेदी, रवीश त्रिपाठी, अजीत राय, अरविंद रावत, मनीराम कुशवाहा, दीपक बाजपेयी, आकाश आदि उपस्थित रहे। संचालन समिति के उप संयोजक अशोक तिवारी गुरू ने व आभार अमीर चन्द्र आर्य ने व्यक्त किया।