झांसी। नगर आयुक्त झांसी मनोज कुमार को दिए गए प्रार्थना पत्र में नियमित सफाई कर्मचारी रामदेवी पत्नी स्व. परशुराम ने बताया कि वह क्षेत्र द्वितीय में कार्यरत है और आगामी 31 मई को उसकी सेवानिवृत्ति निर्धारित है लेकिन वह अपने आप को सेवानिवृत्त न मानते हुए अपनी बीट पर कार्य करती रहेगी जब तक कि उसके मृतक पति की बीमा धनराशि और पेंशन रामदेवी को नही मिल जाती। उसका कहना है कि उसके पति कार्यवाहक चालक के रूप में क्षेत्र प्रथम में कार्यरत थे जिनकी सेवाकाल के दौरान 11 अप्रैल 1995 को मृत्यु हो गई थी। जब से उनके पति की मृत्यु हुई लगातार वह दफ्तरों और अधिकारियों के चक्कर लगाती रही लेकिन अधिकारियों द्वारा उनको मिला तो सिर्फ आश्नवाज्ञन जिसके सहारे उन्होंने अपना भी पूरा कार्यकाल सफाई करते करते निकाल दिया। जब जब प्रार्थिया संबंधित लिपिक के पास अपनी बीमा और पेंशन की धनराशि के लिए गई तो उसके द्वारा यह कहते हुए चलता कर दिया गया कि पत्रावली खो गई। जब पीड़ित अपनी आपबीती लेकर तत्कालीन नगर आयुक्त के पास पहुँची तो नगर आयुक्त द्वारा एक एफआईआर लिपिक के नाम से करवाने के लिए कहा गया जिसके बाद महज एक सप्ताह में पत्रावली भी लिपिक को मिल गई बाबजूद इसके बाबु और लिपिक द्वारा पीड़ित को गोल मोल घुमाकर अंत मे कहा गया कि स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के सहायक निदेशक द्वारा पेंशन देय नही है, लेकिन क्यों देय नही इसका कारण आज तक पीड़िता को नहीं बताया गया जिसके लिए आज भी वह बाबुओं और अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं जबकि अन्य सफाई कर्मचारियों को पेंशन और बीमा धनराशि बराबर दी जा रही हैं।पीड़ित का कहना है कि यदि उसको सेवानिवृती तक भुगतान नही हुआ तो वह अपने आप को सेवा निवृत्त न मानते हुए नित प्रतिदिन की भांति अपनी बीट पर कार्य करती रहेगी…