झांसी। बुंदेलखंड विश्वविध्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन व्याख्यान श्रंखला के तृतीय व्याख्यान में स्काइलाइन यूनिवर्सिटी कॉलेज, शरजाह, संयुक्त अरब अमीरात की सहायक आचार्य डॉ. काकुल आग़ा ने “ कोविड-19 के बाद वैश्विक मानव संसाधन प्रव्रतियाँ ” (Global HR Trends post COVID-19) विषय पर विभाग के छात्र छात्राओं को ऑनलाइन व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोविड की वजह से रोजगार प्राप्त करने के लिए बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वैश्विक स्तर पर रोजगार पाने हेतु “न्यू नॉर्मल” को अपने व्यवहार एवं दिनचर्या मे शामिल करना आवश्यक हो गया है।

विभागाध्यक्ष प्रो प्रतीक अग्रवाल ने बताया कि कुलपति प्रो जे वी वैशम्पायन के मार्गदर्शन मे आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन व्याख्यान श्रंखला से विभाग के विद्यार्थियों को देश विदेश के विषय विशेषज्ञों से इस महामारी के समय मे भी ज्ञानार्जन के अवसर प्राप्त हो रहे हैं जोकि विद्यार्थियों को आतिथ्य उद्योग मे रोजगार प्राप्त करने के नए आयामों को जानने एवं रोजगरकपरक बनने मे सहायक होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विश्वविद्यालय परिसर मे अगले सप्ताह से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो रही है। पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के बीएचएमसीटी, एमबीए पर्यटन, बीबीए पर्यटन पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु इच्छुक अभ्यर्थी आईटीएचएम विभाग, विश्वविद्यालय की वेबसाईट, अथवा प्रवेश प्रकोष्ठ (एडमिशन सेल) से जानकारी प्राप्त कर सकते है।

व्याख्यान श्रंखला के समन्वयक डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले व्याख्यानों में विद्यार्थियों को पर्यटन एवं होटल प्रबंधन के सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों के बारे मे जानकारी दी गई थी। आज के व्याख्यान का मुख्य उदयेश विद्यार्थियों को इस कोविड दौर मे रोजगार प्राप्त करने हेतु मानव संसाधन विकास में नए प्रचलनों की जानकारी प्रदान कराना है।

आज के सत्र मे विषय विशेषज्ञ डॉ. काकुल ने विद्यार्थियों को स्वयं को रोजगरपरक बनाने हेतु अपने सकारात्मक गुणों को पहचानने और उनका प्रभावशाली उपयोग करने का सुझाव दिया। उनके अनुसार इस समय सबसे अधिक आवश्यक है “न्यू नॉर्मल” को अपनाना। उन्होंने वैश्विक स्तर पर महामारी की वजह से हुए सभी परिवर्तनों को नए रूप में स्वीकार करते हुए जीवन-यापन एवं कार्यशैली में बदलाव की प्रक्रिया को “न्यू नॉर्मल” बताया। उन्होंने कहा कि हालांकि अन्य उद्योगों की तरह इस समय पर्यटन एवं होटल उद्योग भी कोविड की वजह से प्रभवित हुआ है लेकिन आने वाले समय में सबसे पहले पूर्वस्थिति प्राप्त करने वाले उद्योगों मे से एक होगा।

डॉ. काकुल ने सफलता पाने हेतु पाँच ‘आर’ – “रिफ्लेक्ट, रीकमिट, रीईंगेज, रीथिंक और रीबूट” की महत्ता पर जोर दिया। उनके अनुसार पर्यटन एवं होटल उद्योग सिर्फ उत्पादों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आतिथ्य सत्कार सेवाएं भी इसमे समायोजित हैं, सेवा प्रदाताओं को धैर्यवान होना अतिआवश्यक है इसलिए विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान के साथ नैतिक गुणों को आत्मसात करना भी जरूरी है।

व्याख्यान श्रंखला के तृतीय सत्र का ऑनलाइन संचालन एवं आभार डॉ. प्रणव भार्गव के द्वारा किया गया। इस सत्र मे विभाग के सभी शिक्षक, शिक्षणेतर कर्मचारी, शोध विद्यार्थी एवं बीएचएमसीटी, एमबीए पर्यटन, बीबीए पर्यटन पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राएं ऑनलाइन उपस्थित रहे।