उत्तर मध्य रेलवे कर रहा सड़क उपयोगकर्ता सुरक्षा के कार्यों को मिशन मोड में पूरा

 प्रयागराज/झांसी। उच्च वॉटर टेबल वाले क्षेत्रों में बने कुछ रोड अंडर ब्रिज या लिमिटेड हाइट सबवे जोड़ों से पानी के रिसाव की समस्या से ग्रस्त हैं। सड़क के दोनों ओर कवर शेड के अलावा मार्ग में जल भराव से बचने के लिए मानसून के दौरान ऐसे सभी स्थानों पर अस्थायी पंपिंग की व्यवस्था की जाती है। उत्तर मध्य रेलवे के रेलवे इंजीनियरों के निरंतर प्रयासों से अब लिमिटेड हाइट सबवे में जोड़ों से पानी के रिसाव की समस्या का स्थायी समाधान मिल गया है। आगरा मंडल के मथुरा जंक्शन – अलवर खंड में स्थित एलएचएस नंबर 29 पर रेलवे इंजीनियरों ने हाइड्रोफोबिक पॉलीयूरेथेन ग्राउटिंग के उपयोग द्वारा पानी के रिसाव को सफलतापूर्वक रोका गया है। नहर के किनारे स्थित इस लिमिटेड हाइट सबवे में नियमित रूप से जल भराव होता था और नहर के पूर्ण रूप से चलने के दौरान समस्या बढ़ जाती थी। रेलवे के इंजीनियरों ने इस लिमिटेड हाईट सबवे में 150 स्थानों की पहचान कर इन स्थानों को हाइड्रोफोबिक पॉलीयुरेथेन और पेनेट्रेंट मोर्टार के प्रयोग से रिसाव को पूरी तरह से सील कर दिया गया। उपचार के बाद यह लिमिटेड हाइट सबवे सड़क पूरी तरह से सूख गई है और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और आसान मार्ग प्रदान कर रही है। प्रयागराज और झांसी डिवीजन में भी एक-एक स्थान पर हाइड्रोफोबिक पॉलीयूरेथेन आधारित ग्राउटिंग की जा रही है ताकि इसकी प्रभावकारिता का विस्तार से अध्ययन किया जा सके और इसे अन्य आरयूबी / एलएचएस पर लागू किया जा सके जिसमें पानी के रिसाव की समस्या हो। महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने इस काम में शामिल आगरा मंडल के इंजीनियरों की टीम को बधाई दी और कहा कि भविष्य के प्रयोग के लिए इस प्रक्रिया को ठीक से रिकार्ड किया जाना चाहिए।

उत्तर मध्य रेलवे सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा से संबंधित कार्यों को मिशन मोड में पूरा कर रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में अगस्त’2020 तक 15 मानवयुक्त समपारों को हटा दिया गया है और 3 नये आरयूबी का निर्माण किया गया है। 12 रेल समपारों पर पावर लिफ्टिंग इलेक्ट्रिकल बैरियर प्रदान किया गया है; 03 रेल समपारों को सिग्नलिंग सिस्टम के साथ इंटरलॉक किया गया है और प्राथमिक बूम टूटने की स्थिति में सुरक्षा की दूसरी परत के रूप में 25 लेवल क्रॉसिंग पर स्लाइडिंग बूम लगाया गया है। गेटमैन और स्टेशन मास्टर के बीच सुरक्षित संचार व्यवस्था को 14 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर उपलब्ध कराया गया, ट्रेन आगमन के लिए गेटमैन को जल्द अलर्ट करने हेतु 46 लेवल क्रॉसिंगों पर ट्रेन अप्रोचिंग हूटर और उत्तर मध्य रेलवे के 120 लेवल क्रॉसिंग गेट तीस दिन की रिकॉर्डिंग सुविधा के साथ सीसीटीवी से लैस हैं।