– विश्व पर्यटन दिवस पर उ. प्र. पर्यटन विभाग की गोष्ठी सम्पन्न

झांसी। विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में उ.प्र. पर्यटन विभाग के तत्वावधान में संगोष्ठी में मुख्य अतिथि राज्यमंत्री डॉ.हरगोविन्द कुशवाहा ने बुन्देलखण्ड के प्राचीन इतिहास एवं विभिन्न परम्पराओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्व को ज्ञान देने वाले बुन्देलखण्ड के इतिहास को पुनर्जागृत करके पर्यटन बढ़ाने पर जोर दिया जाये तो यहाँ के प्राचीन रीति रिवाजों से पूरी दुनिया परिचित हो सकेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह कार्यवाह अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि बुन्देलखण्ड का विकास उ.प्र . सरकार के एजेन्डे में है और आने वाले समय में उ.प्र. में फ़िल्म सिटी का निर्माण होने से पर्यटन का विकास होगा । क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एस. के. दुबे ने कहा कि बुन्देलखण्ड प्राकृतिक संपदाओं का भंडार है जो यहाँ के पर्यटन को बढावा दे सकता है। डाॅ0 नीति शास्त्री ने बुंदेली लोक परंपराओं को पर्यटन से जोङ़ने की बात कही। फिल्म अभिनेता आरिफ शहडोली ने कहा कि उ.प्र. में फ़िल्म सिटी का निर्माण होने से बुन्देलखण्ड के प्राकृतिक सौन्दर्य झील, झरने, नदी, बांध , वन, हरे भरे जंगल , प्राचीन महल, ऐतिहासिक किले, पुरातात्विक स्मारक पहाड़, पिकनिक स्पॉट आदि का उपयोग आउटडोर शूटिंग के लिए किया जा सकेगा। जिससे निश्चित ही पर्यटन उद्योग का विकास होगा। बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय की कला संकाय की प्रो0 श्वेता पाण्डेय बुदेली कला और संस्कृति के विविध पक्षों को पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण बताया। पर्यटन विशेषज्ञ प्रदीप तिवारी ने कहा कि बुंदेलखण्ड में पर्यटन के विविध आयाम हैं जिनको विकसित करने की आवश्यकता है।

उप निदेशक पर्यटन आर के रावत ने बताया कि झांसी परिक्षेत्र के पर्यटन विकास हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे गये हैं। वित्तीय स्वीकृति मिलते विकास कार्य शुरू हो जायेगे। गोष्ठी में बीएचर्ईल से डाॅ संतोष मिश्रा, शिक्षाविद् डाॅ अंजनी कुमार श्रीवास्तव, राहुल मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किये। इस दौरान मदन मोहन रायकवार, राजेन्द्र सिंह, एन पी सिंह, के एम पांडेय, धर्मेन्द्र गोस्वामी, मुकेश कुमार भी मौजूद रहे। डॉ. चित्रगुप्त ने संगोष्ठी का संचालन करते हुए झाँसी जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों के इतिहास एवं पर्यटन स्थलों पर प्रकाश डाला।