झांसी। गिरोह बंद अधिनियम के तहत जिला कारागार में बंद दो अभियुक्तों को जेल से रिहाई नहीं मिल सकी।विशेष न्यायाधीश गिरोह बंद अधि० /अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय सं०-३, सुरेन्द्र कुमार सिंह द्वितीय के न्यायालय में उनके जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए गए।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राहुल शर्मा के अनुसार वादी मुकदमा अजय कुमार सिंह निरीक्षक थाना नवाबाद द्वारा थाना नवाबाद में विगत 17 अक्टूबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी कि अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है जिसका गैंग लीडर राहुल कुशवाहा है व इस गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्य चन्दू अहिरवार, अफजल एवं करन अहिरवार है। यह गिरोह अपने गैंग के सदस्यों के साथ भौतिक एवं आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से निरन्तर अपराध करते हुए कानून व्यवस्था एवं लोक व्यवस्था को छिन्न भिन्न करते रहते हैं। इस गिरोह से आम जन मानस में भय एवं आतंक व्याप्त है। भय के कारण जनता का कोई भी व्यक्ति पुलिस में रिपोर्ट व अदालत में गवाही देने का साहस नहीं कर पाता है। अभियुक्त राहुल कुशवाहा पुत्र लालचन्द्र
निवासी करगुवा के विरूद्ध धारा 2/3 यूव्पी०गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसी प्रकार एक अन्य मामले में बादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र सिंह थाना मऊरानीपुर ने थाना मउरानीपुर में विगत 04 जनवरी 2021 को रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी कि अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है जिसका गैग लीडर राहुल खंगार है व इस गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्य रोहित खंगार,दिलीप खंगार, चतुर्भुज बंगार, मेवा मुखिया, पहलवान उर्फ धीरेन्द्र, एवं बाबा उर्फ अयोध्या है।यह गिरोह अपने तथा अपने गैंग के सदस्यों के भौतिक एवं आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से निरन्तर अपराध करते हुए कानून व्यवस्था एवं लोक व्यवस्था को छिन्न भिन्न करते रहते हैं। इस गिरोह से आम जन मानस में भय एवं आसंक व्याप्त है। भय के कारण जनता का कोई भी व्यक्ति पुलिस में रिपोर्ट या अदालत में गवाही देने का साहस नही कर पाता है। उक्त मामले में भी धारा 2/3 यूव्पी० गैंगस्टर एक्ट के तहत थाना मऊरानीपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिला कारागार में बंद आरोपी राहुल कुशवाहा व मेवा मुखिया की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई उपरांत आधार पर्याप्त नहीं मानते हुए न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र ‌निरस्त कर दिये गये।