झांसी। 16 जनवरी से शुरू हुये कोविड टीकाकरण में स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंट लाइन वर्कर के बाद सोमवार को  बारी 60 वर्ष से ऊपर के आमजन की थी। जनपद में 2 सरकारी केन्द्रों जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और एक निजी अस्पताल में टीकाकरण के एक-एक सत्र लगाए गए थे, जिसमें मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा बुजुर्गों ने बढ़चढ़ के हिस्सा लिया।
कोविड वैक्सीनेशन के लिए आयी ग्राहिणी अनीता कुलश्रेस्ठ बताती है कि उन्होने अपने बेहतर स्वास्थ्य और कोविड से बचाव के लिए टीका लगवाया है। और उन्हे टीका लगवाने से लेकर उसके बाद तक कोई समस्या नहीं हुयी। वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार साहू का कहना था कि टीकाकरण ने सीनियर सिटीजन की जिंदगी में खुशियां बिखेर दीं हैं। टीका लगा पता ही नहीं चला, कर की  कीमत आज का दिन गुजरा पर नये एहसास के साथ।
खातीबाबा क्षेत्र के 73 वर्षीय सुधाकर मिश्रा और उनकी 71 वर्षीय पत्नी कुसुम मिश्रा साथ में टीका लगवाने जिला अस्पताल आए। वह बताते है कि परिवार में अन्य दो सदस्य है जो कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है, उनको पहले ही टीका लग चुका है, हम तो अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही मौका मिला हम दोनों टीकाकरण के लिए आ गए।
ऐसे ही 72 वर्षीय संतोष कुमार श्रीवास्तव अपनी 68 वर्षीय पत्नी जयरानी देवी के साथ टीकाकरण केंद्र पर आए। वह बताते है कोविड काल में बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है, और सब उन्हे ही घर में रहने की हिदायत दे रहे है। ऐसे में टीका लगवाकर वह दोनों कम से कम घर से बाहर बिना किसी चिंता के निकल सकते है।
वही निजी अस्पताल में वैक्सीन लगवाने आयी 76 वर्षीय कमला चौधरी बताती है कि उन्हें वैक्सीन लगवाने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुयी। वह बताती है कि यह एक अच्छा मौका है जब सरकार ने प्रमुखता से बुजुर्गों को वैक्सीन देना सुनिश्चित किया है, ऐसे में सभी की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह आगे आकर वैक्सीन लगवाए और खुद को सुरक्षित करे।
जिला अस्पताल में संचालित टीकाकरण के नोडल डॉ॰ के के जैन ने बताया कि 60 वर्ष की आयु वाले लाभार्थी को एक फॉर्म भरकर उनका वेरिफिकेशन किया गया, साथ ही 45 वर्ष की आयु के लाभार्थी जो गंभीर रूप से बीमार है, उनको एक फॉर्मेट भरवाया गया और अस्पताल के ही फिजीशियन से सत्यापित कराकर उनका टीकाकरण किया गया।