– सुरक्षित यात्रा के नाम पर शिकार बन रहे यात्री

झांसी। उमरे के झांसी स्टेशन पर रेल यात्रियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए उमरे के झांसी मंडल में झांसी स्टेशन पर एक नए व अभिनव उपक्रम की शुरुआत अगस्त 20 के अंतिम सप्ताह में की गई थी। इसके तहत यात्रियों द्वारा यात्रा के दौरान अपने साथ ले जाने वाले सामान/बैग को सैनिटाइज करने की सुविधा सशुल्क ( दस रुपए प्रति बैग) झांसी रेलवे स्टेशन पर शुरू की गई थी।

झांसी स्टेशन पर मुख्य प्रवेश द्वार के पास सामान/बैग सैनिटाइजर स्वचालित टनल मशीन लगाई गई थी। बताया गया था कि यह मशीन अल्ट्रावायलेट किरणों से सामान/बैग को सेनीटाइज करती है। इसके जरिए एक बैग/सामान 15 से 20 सेकेंड में सैनिटाइज हो जाएगा। बैग/सामान सैनिटाइजेशन की सुविधा प्रति बैग/सामान रु. 10 की दर से उपलब्ध होगी। यह सुविधा यात्रियों के लिए पूरी तरह स्वैच्छिक है।
मशीन शुरू हुई तो इसका सभी ने स्वागत किया, किंतु पांच माह बाद ही इस मशीन के टनल में लगे ( दोनों साइड) अल्ट्रावायलेट किरणों को फेंक कर बैग आदि सामान को सेनीटाइज करने वाले एक दर्जन राड क्षतिग्रस्त हो गए। इसे दुरुस्त करने की कोशिश संचालन करने वाली कंपनी ने नहीं की और न ही मशीन खराब है की सूचना लगा कर मशीन को बंद किया गया। आश्चर्य जनक सत्य रहा कि यात्रियोंं से धोखाधड़ी कर फर्जी सैनिटाइजेशन कर सुरक्षा से खिलवाड़ कर रुपए वसूली करने का सिलसिला शुरू हो गया। रुपए के लिए धोखाधड़ी कर फर्जी सैनिटाइजेशन कर सुरक्षा से खिलवाड़ करने के सवाल पर मशीन चला रहे कर्मचारियों पर कोई जवाब नहीं था। वह तो सुरक्षित यात्रा के नाम पर भोले लोगों को शिकार बना रहा था। इस धोखाधड़ी का सिलसिला जारी है।