– ह्यूमनराइट्स एसोसिएशन की आपत्ति रंग लाई

झांसी। उमरे के झांसी स्टेशन पर रेल यात्रियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के नाम पर सामान/बैग सैनिटाइजर स्वचालित टनल मशीन की आड़ में की जा  रही ठगी पर आखिर शुक्रवार को लगाम लग ही गई। साहू जागरण डॉट कॉम की खबर पर ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन की टीम ने स्टेशन पर बैग सैनिटाइजर मशीन का गहराई से निरीक्षण किया। इस दौरान पाया गया कि मशीन में लगे अल्ट्रावायलेट किरणों को फेंक कर सेनेटाइज कराने वाले राड निर्धारित से काफी कम लगे थे और वह भी मानक के अनुरूप काम नहीं कर रहे थे। इस संबंध में जब मशीन पर तैनात स्टाफ से जानकारी मांगी गई तो वह जानकारी नहीं दे सका। संगठन के पदाधिकारी ने संबंधित कंपनी के अधिकारी को बताया कि खराब मशीन से कैसे सेनेटाइज किया जा सकता है। अपनी बात के समर्थन में उन्होंने वैज्ञानिक तर्क दिया। उन्होंने कहा कि जब तक मशीन मानक के अनुरूप काम नहीं करने लगे तब तक इसे चलाना नहीं चाहिए अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कंपनी के अधिकारी को हालत समझते देर नहीं लगी और उन््होंंने मशीन को बंद करा दिया। इस तरह से खराब मशीन से यात्रियों को ठगी करने का सिलसिला थम गया। इसके बाद ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन की टीम ने स्टेशन डायरेक्टर राजाराम राजपूत से मिल कर धोखाधड़ी की जानकारी देते हुए इस पर अंकुश लगाने का अनुरोध किया।

गौरतलब है कि झांसी स्टेशन के प्रवेश द्वार पर अगस्त 20 के अंतिम सप्ताह में सामान/बैग को सैनिटाइज करने की व्यवस्था के लिए सामान/बैग सैनिटाइजर स्वचालित टनल मशीन लगाई गई थी। यह मशीन अल्ट्रावायलेट किरणों से सामान/बैग को सेनीटाइज करती थी। मशीन शुरू होने के पांच माह बाद ही इस मशीन के टनल में लगे ( दोनों साइड) अल्ट्रावायलेट किरणों को फेंक कर बैग आदि सामान को सेनीटाइज करने वाले एक दर्जन राड क्षतिग्रस्त हो गए। इसे दुरुस्त करने की कोशिश संचालन करने वाली कंपनी ने नहीं की और न ही मशीन खराब है की सूचना लगा कर मशीन को बंद किया गया। इसके बाद यात्रियोंं से धोखाधड़ी कर फर्जी सैनिटाइजेशन कर सुरक्षा से खिलवाड़ कर रुपए वसूली करने का सिलसिला शुरू हो गया था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा साहू जागरण डॉट कॉम ने पिछले दिनों कर रेल प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया था।