झांसी। धोखाधड़ी से फर्जी बैनामा के जरिये पांच लाख रुपए हड़पने के मामले में आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर नहीं की गयी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्योत्सना शर्मा की अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार ग्राम बराटा थाना बड़ागाव निवासी बृजकिशोर चतुर्वेदी ने धारा- १५६(३) द०प्र०सं० के तहत न्यायालय में प्रार्थनापत्र देते हुए बताया था कि वह नागपुर महाराष्ट्र में रेलवे विभाग से सेवानिवृत्त है। माह नवम्बर २०१२ को उसका पुत्र अपने पैतृक गाव आया और कृषि भूमि क्रय करने के सम्बन्ध में नरेश से उसकी मुलाकात हुई । नरेश ने ग्राम बराठा में भूमि पसंद की और पाच लाख रूपये में सौदा तय हुआ । सभी औपचारिकतायें पूर्ण कर १८ दिसंबर २०१२ को तहसील में एक अन्य व्यक्ति को उक्त भूमि का मालिक बताते हुए बैनामा प्रपत्र तैयार कराये, जिस पर विक्रय मूल्य दो लाख पचास हजार रूपये अंकित होने पर नरेश से पूछा तो नरेश ने बताया कि पांच लाख लिखने पर अधिक न्याय शुल्क लगेगा । इस प्रकार पांच लाख रूपये में भूमि का बैनामा हुआ । जब कुछ दिन बाद भूमि की हदबन्दी कराने गया तो जानकारी हुई कि यह भूमि विवादित है, नरेश से सम्पर्क किया तो वह नहीं मिला और आसपास के लोगों ने बताया कि बैनामा पर विक्रेता की जो फोटो लगी है, वह किसी अन्य व्यक्ति की है । इस प्रकार नरेश ने पांच लाख रूपये धोखाधड़ी से फर्जी बैनामा के जरिये लेकर हड़प लिए । धारा- १५६(३) द०प्र०सं० के प्रार्थनापत्र पर अभियुक्त नरेश कुमार पुत्र गोकुल प्रसाद, निवासी- ग्राम-जौरा, तहसील व थाना-मोठ के विरूद्ध धारा ४१९,४२०,४०६, ४६८, ४७१ ५०४, ५०६ भादसं० के तहत थाना- नवाबाद में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। उक्त मामले में जिला कारागार में बंद आरोपी नरेश कुमार को जमानत पर रिहा किये जाने का आधार पर्याप्त नहीं मानते हुए न्यायालय द्वारा उसका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।