– बेटी का शव ट्रैक पर मिला, मौत बनी पहेली
झांसी/ग्वालियर। शनिवार-दरमियानी रात बीना से ललितपुर के बीच जीटी एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान रहस्यमय ढंग से लापता अपनी 10 वर्षीय लाड़ली को नेवी का डिप्टी मैनेजर तलाशता रहाा, बेबस पिता ने चेन पुलिंग की तो ट्रेन में मौजूद पुलिस ने धमकाया और जब झांसी में उतरकर एफआईआर कराना चाही तो वर्दी धारियों ने बला टालने को गुमराह कर दिया जबकि उसकी लाड़ली की लाश जखौरा में पड़ी। इससे अनजान बेवस नेवी अफसर ने आधी रात ग्वालियर स्टेशन पर उतर कर बेटी के गायब होने की सूचना दी जबकि यह सूचना झांसी में दर्ज कर जांच शुरू हो सकती थी। वर्दी धारियों की टालमटोल से रविवार की दोपहर मासूम का शव ललितपुर स्टेशन से कुछ आगे जखौरा के पास पटरियों के पास पड़ा मिला है। फिलहाल यह पहेली बना है कि मासूम सोेते में गेट से गिरी है या किसी गंभीर घटना की शिकार हुई, जांच की जा रही है।
दरअसल, उप्र के मथुरा निवासी 32 वर्षीय इं शिवसिंह पुत्र हरीसिंह जाट नेवी में डिप्टी मैनेजर की पोस्ट पर पदस्थ हैं। अभी उनकी पोस्टिंग आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर में है। वह नेल्लोर से GT एक्सप्रेस में अपनी 10 साल की बेटी के साथ कोच S-9 में 49 नंबर सीट पर सवार हुए थे। उन्हें नेल्लोर से मथुरा जाना था। भोपाल निकलने के बाद बीना स्टेशन पर उन्होंने बेटी के साथ खाना खाया। इसके बाद अपनी सीट के पास ही एक खाली सीट पर बेटी को सुला दिया। बीना निकलने के बाद शिवसिंह की भी झपकी लग गई। ललितपुर स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंची तो उनकी नींद टूटी। देखा तो सीट से उनकी बेटी लापता थी। यहां उन्होंने कोच में काफी तलाश किया। जब बच्ची नहीं मिली तो चेन पुलिंग की। चेन पुलिंग पर ट्रेन में मौजूद आरपीएफ स्टाफ ने उनको झांसी में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा। जब ट्रेन झांसी पहुंची तो टालमटोल कर कुछ पुलिस जवानों ने उन्हें भ्रमित कर दिया कि झांसी में ट्रेन कम रूकती है ग्वालियर में बड़ा स्टॉपेज है वहां आसानी से रिपोर्ट दर्ज करा देना। पीड़ित पिता ग्वालियर स्टेशन पर उतरा और रात को जीआरपी को मामले की सूचना दी। ग्वालियर जीआरपी ने रात 2 बजे अपहरण का मामला दर्ज कर केस डायरी ललितपुर पहुंचा दी।
लापता लाड़ली को पागलों की तरह नेवी का डिप्टी मैनेजर रात भर तलाशता रहा। रविवार की दोपहर 12 बजे के लगभग उसका शव ललितपुर स्टेशन के नजदीक जखौरा पर रेलवे लाइन के किनारे पड़ा मिला है। स्थानीय सिविल पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर जीआरपी को सूचना दी और इसके बाद डिप्टी मैनेजर परिवार समेत वहां पहुंचा है। बच्ची के सिर और शरीर मे कई जगह चोटें थी। बेटी किन परिस्थितियों में सोते में सीट से गायब हुई और फिर चलती ट्रेन से गिरी या फेंकी गई यह पहेली बना है। पुलिस पता लगा रही है कि हादसा किन परिस्थितियों में हुआ। जानकारों का कहना है कि यदि खाकी बर्दीधारी गुमराह नहीं करते व रात में ही तलाश शुरू हो जाती तो नेवी अफसर की बेटी की लाश रात में ही मिल जाती। इस टालमटोल पूर्ण लापरवाही की जांच होना चाहिए।