झांसी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्ट्राइड (स्कीम फॉर ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडिआस डेवलपिंग इकॉनमी) कॉम्पोनेन्ट एक के अंतर्गत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त परियोजना के द्वितीय बैच के मॉड्यूल -२ जिसमें प्रतिभागियों को विभिन्न मशीनों पर प्रशिक्षण दिया जाना था के प्रशिक्षण का समापन १ जून को हो गया, यद्यपि कि कोविड के कारण उक्त मशीनों पर भौतिक रूप से प्रशिक्षण नहीं दिया जा सका जो कि परिस्थितियां सामान्य होने पर करवाई जाएँगी। इसके पूर्व मॉड्यूल -१ के अंतर्गत प्रतिभागियों को डाटा कलेक्शन, वैज्ञानिक प्रक्रिया, हाइपोथिसिस लेखन, पेपर/थीसिस लेखन, लैब सेफ्टी मेज़र्स सहित रिसर्च मेथोडोलॉजी पर कुल ८४ व्याख्यान कराये गए, उक्त मॉड्यूल १८ फ़रवरी से प्रारम्भ कर १५ अप्रैल २०२१ तक चला. तदुपरांत मॉड्यूल-२ के अंतर्गत कुल ३२ व्याख्यान कराये गए. मॉड्यूल -२ के समापन के अवसर पर कुलपति द्वारा सभी रिसोर्स पर्सन्स एवं प्रतिभागियों की ऑनलाइन बैठक ली गयी जिसमें कुलपति द्वारा समस्त शिक्षकों एवं प्रतिभागियों से फीड बैक प्राप्त किया गया। इस दौरान कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कोरोना काल के बावजूद भी स्ट्राइड टीम के प्रयासों को सराहा तथा वर्तमान संक्रामक काल में ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च पर बल दिया। साथ ही कहा कि आज सामाजिक समस्याओं का समावेशित प्रयास के तहत ही सम्पूर्ण समाधान संभव है, अब प्रतिभागी मॉड्यूल-३ के अंतर्गत अपने गाइड्स के साथ सामाजिक सरोकार के विषयों में ६-६ महीने की परियोजनाओं करेंगे। गौरतलब है कि मॉड्यूल-३ में प्रतिभागियों को प्रोजेक्ट कार्य किये जाने जाने हेतु प्रति प्रतिभागी १० हज़ार रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी I बैठक के दौरान डॉ. लवकुश द्विवेदी द्वारा दोनों मॉड्यूल की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी, इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एम्.एम्. सिंह, डॉ. सुनील त्रिवेदी, डॉ. अनुपम व्यास, डॉ. निर्मला प्रजापति, डॉ. एरा तिवारी, डॉ. शिल्पा मिश्रा, डॉ. अतुल गोयल, प्रो. योगेश गोस्वामी आदि उपस्थित रहे I

गौरतलब है कि समूचे भारत से कुल सोलह विश्वविद्यालयों जिनमें उत्तर भारत में सिर्फ दो एवं उत्तर प्रदेश से अकेले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त इस परियोजना में सामाजिक समस्याओं का वैज्ञानिक तरीकों से समाधान खोजने के लिए शोधकर्ता तैयार किये जा रहे हैं I द्वितीय बैच में जैव, रसायन, भौतिक, कृषि, फॉरेंसिक, जैव प्रौद्यिगिकी, फ़ूड साइंस टेक्नोलॉजी और सामाजिक विज्ञान सहित कुल 32 विद्यार्थियों को अवसर दिया गया है, जिनमे से कई प्रतिभागी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के बाहर जैसे कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल, ओस्मानिआ विश्वविद्यालय, हैदराबाद से भी इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे हैं I इनोवेशन सेंटर की ओर से मानव संसाधन एवं कौशल विकास के उद्देश्य से चलाये जा रहे इस परियोजना में ३ वर्षों में लगभग २०० शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा अन्य शोधार्थियों को चार चरणों में प्रशिक्षण के माध्यम से उत्तम शोध कार्य हेतु सक्षम बनाया जायेगा।