झांसी। कथित गैंगरेप के आरोप में जेल भेजे गए पत्रकार मुकेश वर्मा की न्याय के लिए लड़ाई जारी है। पुलिस पर फर्जी साक्ष्य गढ़कर झूठे गैंगरेप के आरोप में जेल भेजने का आरोप लगाकर शासन से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की मांग को लेकर गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रतिमा के समक्ष पत्रकार मुकेश वर्मा का अनशन तीसरे दिन भी लगातार जारी रहा।
अनशनकारी मुकेश वर्मा की मांग है कि पुलिस ने फर्जी साक्ष्य गढ़कर उनके खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर उसे गैंगरेप में तरमीम किया और फिर बिना किसी सबूत के उसे निर्दोष होने के बावजूद जेल भेज कर बिना साक्ष्यों के चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। साथ ही पुलिस ने उच्चतम न्यायालय में फर्जी क्रिमिनल हिस्ट्री दाखिल कर दी।
मुकेश वर्मा ने कहा कि वह एक वर्ष से लगातार शिकायती पत्र देकर न्याय की मांग कर रहा लेकिन झांसी पुलिस द्वारा उसके शिकायती पत्रों में मिथ्या रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिए जाते है। उसका आरोप है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच किसी एजेंसी से या सीबीसीआईडी से कराई जाए। अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे फांसी दे दी जाए। अन्यथा दोषियों को सजा दी जाए। क्योंकि विपक्षी काफी प्रभाव शाली है ओर पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर हर बार जांच प्रभावित करते हैं।












