झांसी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) और उत्तरप्रदेश सरकार के तत्वाधन में जमीनी स्तर पर उच्च रक्तचाप के मरीजों को ढूढ़ने, उनकी मोनिट्रिंग व उपचार के लिए इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिसिएटिव कार्यक्रम की शुरुआत बबीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कर दी गयी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ जी के निगम ने यहाँ चिन्हित 4 मरीजों को बीपी पासपोर्ट कार्ड देकर इसकी शुरुआत की।
उत्तर प्रदेश हाइपरटेंशन स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकाल पर की गयी बैठक में बताया गया था कि प्रदेश की कुल जनसंख्या में 10 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे होते है, वही जनपद की बात करे तो एएचएस वर्ष 2014-15 के अनुसार जनपद में 30 से अधिक उम्र के लगभग 28 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप की संभावना होती है। कोविड के समय में यह समस्या और ज़ोर से उभर कर आयी, यहाँ तक कि यह भी देखा गया कि कोविड से अपनी जान गवाने वाले लोगों में ज़्यादातर उच्च रक्तचाप या को-मोर्बिड से पीड़ित थे।
सीएमओ ने बताया कि कोविड के कारण सभी टीम मेम्बर को इस कार्यक्रम के संबंध में प्रशिक्षण नहीं दिया जा सका है, लेकिन जल्द ही पूरे जनपद में इस कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। जिससे कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों का मूल्यांकन कर उनको उचित उपचार मिल सके। इस प्रोग्राम के अंतर्गत 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वयस्कों की जांच की जाएगी और सेवा प्रदाता द्वारा उन्हे सिम्पल एप के माध्यम से रजिस्टर किया जाएगा, जिससे कि उनका फॉलो अप सुचारु रूप से किया जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रदेश प्रतिनिधि डॉ॰ अभिनव काडिया ने बताया कि यह प्रोग्राम प्रदेश के चार जनपदों में चलाया जा रहा है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य वर्ष 2025 तक उच्च रक्तचाप के कारण होने वाली मृत्यु दर में 25 प्रतिशत की कमी लाना व उच्च रक्तचाप में नियंत्रण लाना है। इस अवसर पर नोडल अधिकारी डॉ॰ एस के कुलश्रेस्ठ, महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ॰ अनुराधा, एनसीडी चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ प्रतिभा वर्मा, आईसीएमआर से अनुज चौधरी, काउन्सलर प्रियंका व स्टाफ नर्स अल्का मौजूद रही।