झांसी : खेल साक्षरता प्रसार वाहन झांसी के गोरा मछिया गांव पहुँचा। गाँव में भारी तादाद में ग्रामीण बच्चे, महिला और पुरूष के साथ- साथ ग्राम प्रधान भी उत्सुकता से इस खेल साक्षरता वाहन को देखने पहुँचे। इस वाहन में लगी बड़ी एलसीडी स्क्रीन पर दर्शकों को खेल के ऊपर बनी 3 डाक्यूमेंटी फिल्म दिखाई। साथ ही साथ संस्था ‘स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ लाइफ’ के अध्यक्ष डॉ0 कनिष्क पाण्डेय ने इन ग्रामीणों को वीडियों कांन्फ्रेंसिंग के जरिये बच्चों को ओलम्पिक खेलों के बारे में तो बताया ही, साथ ही साथ उन्हें खेलोन्मुख करने के लिए प्रोत्साहित भी किया तथा उनके गाँव आने का वायदा भी किया। यह भी आश्वस्त किया कि उनके गाँव के लिए प्रशासन से खेल मैदान उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे और खेल उपकरण भी उपलब्ध कराने का प्रयत्न करेंगे। साथ ही संस्था के अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने हर उम्र के लोगों को खेलने का आह्वान किया और खेल को सिर्फ मेडल जीतने के नजरिये से ना देखने का आग्रह किया। खेल को एक मनोरंजन के रूप में तथा शारीरिक व्यायाम जिससे कि वो स्वस्थ रह सकें तथा चरित्र निर्माण के श्रोत के रूप में देखने का आग्रह किया।

गौरतलब है कि इस खेल साक्षरता प्रसार वाहन को एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन कर 15 अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के द्वारा गाजियाबाद में 9 जुलाई को भारत यात्रा के लिए रवाना किया गया है। इस यात्रा के दौरान जहाँ इस गांव गोरा मछिया में पहुँचने के उपरान्त खेल के ऊपर बनी वीडियों प्रदर्शित करने के साथ-साथ बच्चों को खेल पुस्तिकाऐं खेल प्रवेशिका, ज्ञदवू ैचवतजे तथा खेल वर्णमाला पर बना कलेण्डर बच्चों के बीच वितरित किया गया। बच्चों के हाथ जैसे ही यह पुस्तिका लगी तो वो खुशी-खुशी इस खेल वर्णमाला को पढ़ते देखे गये तथा कई बच्चे तो इस वाहन के समीप ही खेलने लगे।
इस अवसर पर ग्रामीणों ने ‘स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ लाइफ’ के अध्यक्ष डॉ0 कनिष्क पाण्डेय को खेल साक्षरता मुहिम को शुरू करने पर साधुवाद दिया तथा उनके खेल साक्षरता मिशन से जुड़कर सभी ग्रामीणों के बीच खासकर बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी को खेल के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए ज्ञापन दिया गया।
डॉ कनिष्क पांडेय ने बताया कि आज जब पूरा विश्व ओलम्पिक खेलों के जश्न में डूबा हुआ है, वहीं ‘‘स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ’’ एन0जी0ओ0 ओलम्पिक से सम्बन्धित खेलों को भारत के गांव-गांव तक पहुंचाने की मुहिम में जुटा हुआ है। खेल साक्षरता प्रसार वाहन इस दिशा में एक पहल है जोकि गाजियाबाद से 9 जुलाई 21 से शुरू होकर प्रदेश के सैंकड़ों गांवों, दर्जनों कस्बों और कई जिलों में होते हुये प्रथम चरण में अपनी यात्रा का समापन लखनऊ में मध्यप्रदेश की यात्रा पर बढ़ रहा है। इस संस्था के साथ देश के विख्यात अर्जुन पुरस्कार विजेता, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, खेल रत्न पुरस्कार विजेता और कई पूर्व ओलम्पियंस जुड़े हुये हैं, जिनमें श्री जफर इकबाल, श्री गोपाल सैनी, श्री देवेन्द्र झारखड़िया तथा हॉकी के महान खिलाड़ी स्व0 मेजर ध्यानचन्द के सुपुत्र श्री अशोक ध्यानचन्द ओलम्पियन आदि हैं। गाजियाबाद में इस यात्रा की शुरूआत देश के इन्हीं प्रख्यात खिलाडि़यों द्वारा 09 जुलाई,2021 को की गई।
ज्ञातव्य है कि ‘‘स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ’’ एन0जी0ओ0 सन् 2017 से देश में खेल को बढ़ावा देने के लिये खेल साक्षरता अभियान चला रही है। संस्था के अध्यक्ष डा0 कनिष्क पाण्डेय ने बताया कि देश में खेल साक्षरता महज 5 प्रतिशत् है और महिलाओं के बीच तो यह मात्र 2.5 प्रतिशत् ही हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को खेल साक्षर बनाये बिना ओलम्पिक खेलों में देश की प्रभावशाली उपस्थिति दूर की कौड़ी जैसी है।
ज्ञापन के मुख्य बिन्दु:
जनपद के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में खेलकूद के लिये आरक्षित भूमि पर खेल की सुविधायें विकसित की जायें। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्थापित खेल प्रतिष्ठानों को पुर्नजीवित किया जाय। जनपद के सबसे प्रतिष्ठित पूर्व खिलाड़ी के नाम से कम से कम एक सड़क को नामांकित किया जाय तथा किसी एक महत्वपूर्ण स्थान पर प्रतिमा स्थापित की जाय।
‘‘खेल साक्षरता मिशन’’ का प्रचार हो।
जिले में एक ‘‘आदर्श खेल गांव’’ की स्थापना की जाय जिसके क्रियान्वयन में संस्था अपना पूरा अनुभव और अपेक्षित योगदान देने के लिये तैयार है। खेलों के प्रति बच्चों में रूचि पैदा करने के लिये ककहरे वाली पुस्तक के साथ खेलों पर आधारित वर्णमाला पुस्तक का भी प्रयोग किया जाय, जिसकी एक प्रति पत्रक के साथ संलग्न की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों से खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाय।। विद्यालयों में वितरित खेल सामग्री का उचित उपयोग एवं नियंत्रण हो। खेल सम्बन्धी पुस्तकें एवं पत्रिकाओं को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के स्कूल एवं पुस्तकालयों में उपलब्ध कराया जाय। राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले खिलाडि़यों का अवलेखीकरण एवं उन्हें जिले में विशिष्ट महानुभावों का दर्जा दिया जाय। प्रत्येक जिले में बेनेवोलेंट स्पोर्ट्स फंड की स्थापना की जाय तथा उस फंड को भूतपूर्व एवं वर्तमान खिलाडि़यों के लिये उपयोग में लिया जाय।

वाहन में क्या खास है:
इस वाहन में खेल प्रसार के लिये कई तरह की नूतन तकनीकों का प्रयोग किया गया है। इस वाहन में एक एल.सी.डी. स्क्रीन लगी हुई है, जिसके माध्यम से किसी ग्राम में ठहराव के समय बच्चों के लिये स्पोर्ट्स आधारित फिल्में दिखाई जाती हैं। साथ ही संस्था के द्वारा खेल साक्षरता को बढ़ाने के लिये की गई पहल का एक लघु वीडियो भी प्रदर्शित किया जाता है।
इसके अलावा इस खेल वाहन में खेल पर आधारित पुस्तिकायें जिसमें खेल प्रवेशिका, ज्ञदवू ैचवतजेतथा इसके साथ ही खेल कलैण्डर बच्चों के लिये उपलब्ध रहेंगे और इसे ग्रामीण बच्चों को वितरण किया जाता है। ‘‘स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ’’ के अध्यक्ष डा0 कनिष्क पाण्डेय के द्वारा की गई मूल शोध की प्रतिलिपि भी इन गांवों के प्रधानों को उपलब्ध करवायी जाती है ताकि वो खेल मूल्यों को समक्ष सकें और यह भी जान सकें कि कैसे खेल से उनके चरित्र का निर्माण होगा और इसकी जानकारी ग्रामीणों के साथ साक्षा कर सकेंगे।
डॉ पाण्डेय वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सभी गांव के बच्चों को सीधे सम्बोधित करते रहेंगे।
वाहन के ऊपर हिन्दी और अंग्रेजी की वर्णमाला को लगाया गया है साथ ही साथ देश में ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाडि़यों के चित्र भी उकेरे गए है ताकि बच्चे खिलाडि़यों को पहचान सकें।

कौन है डा0 कनिष्क पाण्डेय:
देश में खेल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये बिगुल फूंकने वाले कनिष्क :-
कनिष्क पाण्डेय पूर्व बेडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं। कनिष्क की पूरी स्कूलिंग सेंट फ्रांसिस कालेज, लखनऊ से हुई है। इन्होंने सेंट इस्टीफन कालेज, नई दिल्ली से ग्रेजुएशन किया है। सी0एल0सी0 यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से एल0एल0बी0 की है।
कनिष्क ने चार वर्षो तक स्वतंत्र रूप से खेलों पर शोध किया है। खेलों को मौलिक अधिकार का दर्जा दिलाने के लिये सभी स्तरों पर प्रयासरत हैं और इसे कानूनी जामा पहनाने के लिये कनिष्क द्वारा दायर पीआईएल सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार की जा चुकी है।
कनिष्क ने मॉडल स्पोर्ट्स विलेज डेवलप करने की भी कार्ययोजना तैयार की है और मुजफ्फरनगर में देश का पहला स्पोर्ट्स मॉडल विलेज विकसित किया जा रहा है।
कनिष्क की खेलों के शोध पर निम्न पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जैसे-स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ (अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वाईले इण्डिया) यह पुस्तक संस्कृत, ऊर्दू एवं हिन्दी भाषा में भी प्रकाशित है।
ज्ञदवू ैचवतजेएखेल प्रवेशिका, चलो खेलों की ओर, कनिष्क की प्रसिद्ध अन्य पुस्तकें हैं।

भारत खेल यात्रा का रोड मैप
खेल साक्षरता प्रसार-वाहन अपनी यात्रा दिल्ली एन0सी0आर0 के गाजियाबाद से शुरू की है। इसका प्रथम समापन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। इस बीच यह वाहन एनसीआर सहित गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर एवं सीतापुर होते हुये लखनऊ पहुंचा है। इस अवधि में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर खेल को बढ़ावा देने के लिये अपने सुझाव सम्बन्धित जिला मजिस्ट्रेट को व्यक्तिगत रूप से हस्तगत करा रहा है। साथ ही इस यात्रा में वाहन का रात्रि विश्राम किसी न किसी गांव में हुआ। जहां खेल के बारे में बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक को खेल से जोड़ने की मुहिम जारी रखी गई है। अब यह वाहन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, एवं उड़ीसा की यात्रा के लिए अग्रसर है।