– सौतेली मां की साज़िश का शिकार बनी खुशी, हत्यारोपी पिता व सौतेली मां गिरफ्तार
झांसी। कोई पिता इतना निर्दयी कैसे हो सकता है कि अपने उस जिगर के टुकड़े की छाती पर चढ़ कर निर्ममता से मुंह दबा कर उसकी सांसों को घोंट दिया जिसको उसने लाड़ प्यार से 13 वर्ष पाला। इस तालिबानी निर्ममता की शिकार झांसी के गुरसरायं में 13 वर्षीय खुशी बनी। पुलिस ने जब इस अंधे क़त्ल का खुलासा किया तो लोग सिहर उठे कि ऐसा पिता भी होता है !
दरअसल, गुरसराय थाना क्षेत्र में 13 साल की खुशी शुक्ला का शव 25 अगस्त को उसके घर से बरामद किया गया था। भले ही मृतका का पिता अमित शुक्ला स्वयं को पीड़ित साबित करने का बेहतरीन अभिनय करता रहा, किंतु उसकी संदिग्ध गतिविधियों ने उसे संदेह के दायरे में ला दिया और जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो ऐसे हत्या काण्ड की कहानी सामने आई जो अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम’ से प्रेरित होकर बनाई गई थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिवहरी मीणा ने बताया कि खुशी की रहस्यमय मौत पुलिस के लिए पहेली बनी थी। बीड़ी कारोबारी अमित शुक्ला ने पहले तो प्रयास किया कि खुशी का बगैर पोस्टमार्टम हुए ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए। इसी से उसने पहले पुलिस को सूचना नहीं दी, लेकिन रिश्तेदारों के दबाव में वह खुशी को अस्पताल ले गया और वहां से मिले मैमो से मामला पुलिस तक पहुंचा, जिसके बाद खुशी की हत्या का मामला सामने आया।
पुलिस ने सबसे पहले संदेह के दायरे में अमित शुक्ला से पूछताछ की तो उसने स्वयं को निर्दोष साबित करने के लिए बहुत सारे सबूत दिखाए, किंतु असफल रहा। एसएसपी ने बताया कि अमित शुक्ला ने अजय देवगन की फिल्म दृश्यम से प्रेरित होकर हत्या के बाद सभी सबूत अपने पक्ष में कर लिए थे पर असफल रहा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुशी की पसलियों के टूटना व दम घुटना इशारा कुछ और कर रहे थे।
खुशी को रास्ते से हटाने का प्लान शातिर दिमाग सौतेली मां का था 
अमित शुक्ला की शादी 2003 में नीलू शुक्ला के साथ हुई थी और 2009 में नीलू ने खुशी को जन्म दिया, किंतु दुर्भाग्यवश कैंसर बीमारी से पीड़ित होकर नीलू शुक्ला की मौत 2011 में हो गई। इसके बाद अमित ने 2017 में आकांक्षा के साथ शादी कर ली। आकांक्षा से एक बेटी हुई। इसके बाद आकांक्षा ने सौतेलापन दिखाते हुए खुशी का उत्पीड़न शुरू कर दिया। आकांक्षा आए दिन खुशी से झगड़ा करने लगी और उसने अमित से साफ-साफ कह दिया कि वह खुशी के साथ नहीं रह सकती। यदि उसे रास्ते से हटा दें तो वह रह पाएगी। इसके बाद खुशी की हत्या की योजना बनाई गई। आकांक्षा प्लान के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन अपने मायके चली गई। आकांक्षा के मायके जाने के बाद 25 अगस्त की सुबह अमित शुक्ला ने खुशी को जमीन पर पटक कर उसका मुंह दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद में योजना के तहत स्वयं को निर्दोष साबित करने के लिए अमित कारोबार के लिए  मऊरानीपुर चला गया। वहां उसने कई लोगों से मुलाकात की और सायं वापस लौट आया। पुलिस को उसने स्वयं के मऊरानीपुर में उपस्थित के प्रमाण भी उपलब्ध करा कर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया पर वह पकड़ा ही गया। मऊरानीपुर पुलिस ने की पुख्ता सबूतों के आधार पर उसके तथ्यों को खारिज कर गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने खुशी की हत्या की साज़िश में धारा 120 बी के तहत आकांक्षा शुक्ला को भी गिरफ्तार कर लिया।
साजिशकर्ता आकांक्षा की भी दूसरी शादी
एसएसपी ने बताया कि अमित के साथ आकांक्षा की दूसरी शादी हुई थी, आकांक्षा के पहले पति की मौत किसी रोग की वजह से हो गई थी, वह शराब पीने का आदी था। विधवा आकांक्षा से अमित शुक्ला ने शादी कर ली, किंतु उसी ने अमित शुक्ला को अपनी सगी बेटी का हत्यारा बना दिया।