झांसी। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती 2022 विधानसभा चुनाव आते ही एक बार फिर से लाइमलाइट में आने का प्रयास कर रही हैं। मप्र में शराब बंदी पर अल्टीमेटम देकर शिवराज सरकार के सामने समस्या खड़ी कर अब उप्र की तरफ रुख किया है। यहां मिडिया से रूबरू होते हुए उमा भारती ने कहा कि वे आज भी बुन्देलखंड राज्य के पक्ष में हैं लेकिन तकनीकी जटिलतायें आड़े आ रही हैं। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि बिना प्रशासन की मदद से कोई नीति लागू नहीं हो सकती है।
उन्होंने सवाल किया कि पहले क्लीयर करों कि कितना बुन्देलखंड बनना है? उन्होंने दावा किया कि यह क्लीयर हो जायेगा तो बुन्देलखंड राज्य बनने में तीन महीने से अधिक समय नहीं लगेगा। उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश के जिले के लोगों कहना है कि उन्हें बुन्देलखंड में शामिल नहीं होना है। मध्य प्रदेश के विधायक बिल्कुल पक्ष में नहीं हैं। इधर, यूपी वाला बुन्देलखंड कितना है यह सभी को पता है। इतने से अलग खड़ा हो पायेगा। यह पहले सोच लो। यदि बढ़ाना है फतेहपुर और कानुपर तक जाना है तो उधर की पब्लिक की ओपनियन है हीं नही कि अलग हो। क्योकि वह बड़े शहरों से सटे हुए हैं। यह सब बाते क्लीयर करते ही नहीं हैं। मायावती विधानसभा में प्रस्ताव पास कराती हैं। वह यह ही नहीं सोचती है कि क्या सीमांकन राज्य का है। वह शुरुआत से ही बुन्देलखंड राज्य का समर्थन करती हैं। उन्होंने बताया कि पृथक झारखंड का मुद्दा इसीलिए सबसे लम्बा चला था, क्योकि वह उड़ीसा का हिस्सा भी मांग रहे थे। फिर उन्हें वह हिस्सा छोड़ना पड़ा था।

पंजाब के मुख्यमंत्री को लेकर पूछे गये सवाल पर उमा भारती ने कहा कि हमारे यहां गुजरात में मुख्यमंत्री ने स्वेच्छा से पद छोड़ा हैं वहां कोई संघर्ष नही हुआ है। रुपानी ने ही नए मुख्यमंत्री का नाम दिया है। सारे मंत्रियों ने खुशी से पद छोड़ा। पंजाब के परिवर्तन की तुलना गुजरात से नहीं कर सकते हैं। पंजाब में चुनाव के लिए कम समय बचा है इसलिए वह नए मुख्यमंत्री को क्या बधाई दें उनके प्रति उनकी सहानुभूति है।

उमा भारती ने एक बार फिर सपा सरकार के कानून व्यवस्था को याद दिलाते हुए कहा कि उनके शासन में कानून व्यवस्था कितनी खराब थी। यह किसी से छिपा नहीं है। लोगों की जमीन और दुकानों पर ऐलान करके कब्जा होता था कि खुली दुकान तुम्हारी, बंद दुकान हमारी। लोगों पर किस प्रकार केस बनते थे, कोई सुनता ही नही था। यहां जब वह चुनाव लड़ने आई थीं तो पता चला कि एक कांस्टेबल के कहने पर डीजीपी चलता था। हम उस समय से उत्तर प्रदेश को निकालकर लेकर आये हैं। आज प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर है। लोग निडर होकर रहे है। विकास कार्यों में किसी भी प्रकार भेदभाव नहीं हैं।

उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मंदिर जाने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इन लोगों को समझ में आ गया है कि जातिवाद और साम्प्रदायिकता की सोच नहीं चलेगी। उनको लग रहा है कि वह मूल अतिष्ठान की ओर लौंटे। इसलिए वह लौट रहे हैं, लेकिन वह काफी लेट लौट रहे हैं। इसका लोग विश्वास नहीं करेंगे। इससे भाजपा को कोई नुक्सान नहीं होगा। उन्हें विश्वास दिलाने में अभी 10 से 15 वर्ष लग जायेगे। आज राहुल गांधी अपना गोत्र बताने लगे है कि वह ब्राह्मण है।