झांसी। पिछले छह माह से कोरोना से 24 वर्षीय बेटे की मौत में डॉक्टर की लापरवाही की जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे रेलकर्मी को न्याय के लिए डीआरएम कार्यालय जाकर धरने पर बैठना पड़ा। उसने आरोप लगाया कि वरिष्ठ फिजीशियन ने उससे भी अभद्रता की और जब उसने जनसूचना के जरिये इलाज सम्बंधी जानकारी मांगी तो उसे धमकाया जा रहा है। इस मामले में पीड़ित पिता ने रेल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन पर गम्भीर आरोप लगाते हुये शिकायत महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे के अलावा जिला व पुलिस प्रशासन के अफसरों से की है।

सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के आवास विकास नंदनपुरा निवासी अरविन्द कुमार शुक्ला विद्युत लोको शेड में तैनात है। अरविन्द का आरोप है कि कोरोना महामारी में उसके 24 वर्षीय बेटे अक्षत्र शुक्ला की हालत बिगड़ी तो वह उसे 27 अप्रैल को मंडलीय रेल अस्पताल में भर्ती करने पहुंचा था। जहां एक महिला डॉक्टर व एक पुरुष डॉक्टर ने दबाव बनाया कि वह बेटे को कहीं और भर्ती कराये। इतना ही नहीं उसके बेटे को प्राइवेट नर्सिंग होम रेफर कर जबरन हस्ताक्षर करा लिये। वरिष्ठ फिजीशियन के वार्ड में बैड नम्बर 14 पर भर्ती बेटे को देखने के लिये भी वरिष्ठ फिजीशियन नहीं पहुंचा। अगले दिन वह अस्पताल पहुंचा तो वरिष्ठ फिजीशियन ने अभद्रता कर डॉट-फटकार भगा दिया। छह दिन लगातार वह बेटे की देखभाल करने में लगा रहा, लेकिन संबंधित डॉक्टर बेटे को देखने नहीं पहुंचा। आरोप लगाया कि न तो बीमार बेटे का सीटी स्कैन कराया और न रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिये पत्र लिखा। पीड़ित ने वरिष्ठ फिजीशियन पर बेटे के इलाज में लापरवाही मानते हुये जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित दुःखी है, उसे न्याय मिलने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है।