बुन्देलखण्ड साहित्य उन्नयन समिति के प्रथम आयोजन की रूप रेखा तय
झाँसी। हिंदी विभाग बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में हुई बुन्देलखण्ड साहित्य उन्नयन समिति की बैठक में अध्यक्ष डॉ पुनीत बिसारिया ने बताया कि समिति के प्रथम आयोजन के अंतर्गत बुंदेलखंड का साहित्यिक वैभव विषय पर संगोष्ठी, विभिन्न आयु वर्गों हेतु बुंदेलखंड की ऐतिहासिक विरासत एवं लोक संस्कृति विषय पर ऑन स्पॉट चित्रकला प्रतियोगिता, उदीयमान लेखकों/कवियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला, बुंदेलखंड से जुड़े स्थलों पर आधारित फोटोग्राफी प्रतियोगिता का डिस्प्ले, शॉर्ट फिल्म फ़ेस्टिवल और प्रतियोगिता, जिसमें विद्यार्थी बुन्देलखण्ड से संबंधित 5 से 15 मिनट तक की अवधि की फिल्में, डॉक्यूमेंट्री आदि बनाकर 24 अक्तूबर तक मेल करेंगे और चुनी गई प्रविष्टियों का प्रदर्शन किया जाएगा। 29 अक्टूबर को बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति का प्रतीक चिह्न निर्माण प्रतियोगिता होगी। इसमें कक्षा 6 से उच्चतम कक्षा तक के विद्यार्थी भाग ले सकेंगें। प्रत्येक वर्ग में विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा। दोपहर 2 बजे से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा। 27, 28 और 29 अक्टूबर को प्रतिदिन शाम 7 बजे से 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आल्हा गायन, कोंच की रामलीला का मंचन, बुंदेली लोकगीतों एवं लोकनृत्यों का मंचन आदि कार्यक्रम होंगे। इसके अतिरिक्त तीन दिवसीय पुस्तक मेला भी लगाया जाएगा।

इसमें प्रत्येक विद्यालय के शिक्षक अपने अपने विद्यालयों तथा महाविद्यालयों से विद्यार्थी लेकर कार्यक्रम में शामिल होंगे और विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे। विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के इच्छुक विद्यार्थी अपनी प्रविष्टियां तथा प्रतियोगिता, जिसमें वे भाग लेना चाहते हैं, का सम्पूर्ण विवरण प्रधानाचार्य या प्राचार्य के माध्यम से [email protected] पर भेज सकते हैं। बैठक में संरक्षक मण्डल के सदस्य क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ राजेश प्रकाश और संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक के नामित डॉ अनिरुद्ध रावत, उपाध्यक्ष निहाल चन्द्र शिवहरे, प्रभारी सचिव देवेन्द्र भारद्वाज, कोषाध्यक्ष डॉ कौशल त्रिपाठी, आय व्यय निरीक्षक राम शंकर भारती, सुमन मिश्रा, अशोक मिश्र, अनिल कुमार दुबे, डॉ मोहम्मद नईम, डॉ सुनीता कपूर, श्री सतीश साहनी, कमलाकांत उपाध्याय, प्रदीप पाण्डेय, अशोक मिश्र और मनीष मण्डल उपस्थित थे। कार्यक्रम में साहित्यकारों ने हिंदी विभाग में आकर अपनी पुस्तकें भेंट की तथा समिति के सदस्यों ने भी अनेक महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों की कृतियां भेंट की, जिन्हें आगामी कार्यक्रम के दौरान आयोजित की जाने वाली प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाएगा।