– मप्र में “पेसा एक्ट” लागू
इंदौर (संवाद सूत्र)। मध्यप्रदेश में आदिवासियों, जनजातियों के आर्थिक उत्थान का तोहफा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा “पेसा एक्ट” लागू कर दिया गया है। इसका ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इंदौर के नेहरू स्टेडियम से किया।

मुख्यमंत्री यहां जननायक टंट्या मामा स्मृति समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील स्मारक स्थल पातालपानी का वर्चुअल लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रशासनिक संकुल का अनावरण किया। समारोह में मंच पर आदिवासी गीत पर मुख्यमंत्री शिवराज जमकर थिरके। राज्यपाल ने

इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बोले कि कांग्रेस ने टंट्या मामा को भुला दिया। कांग्रेस अपने 50 साल के कार्यकाल में आदिवासी मंत्रालय भी नहीं दे सकी। यह काम अटल जी की सरकार में हुआ। उन्होंने मंच से पेसा कानून लागू करने की घोषणा की। पेसा एक्ट लागू होने के बाद अब स्थानीय संसाधनों पर जनजातीय समाज की पंचायतों को ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे। इनमें जमीन, खनिज संपदा, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार भी शामिल है साथ ही ग्राम सभाओं को जनजातीय समाज की सामाजिक न्याय और धार्मिक व्यवस्था के लिए भी काम करने का अधिकार मिल सकेगा।

पेसा कानून लागू करने से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्व-शासन को मजबूती मिलेगी। पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं को आदिवासी समाज की परंपराओं, रीति रिवाज, सांस्कृतिक पहचान, समुदाय के संसाधन और विवाद समाधान के लिए परंपरागत तरीकों के इस्तेमाल के लिए सक्षम बनाया गया है। जनजातीय ग्राम सभाओं को भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास के काम में अनिवार्य परामर्श की ताकत दी गई है साथ ही खदानों और खनिजों के लाइसेंस/पट्टा देने के लिए ग्राम सभा को सिफारिशें देने का अधिकार भी दिया गया है।