झांसी। जिले में कोरोना वैक्सीन लगाने में फर्जीवाड़ा का एक और मामला बुधवार को प्रकाश में आया है। दूसरे मामले में आठ माह पहले मर चुके व्यक्ति को फिर से कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का मामला सामने आया है।

दरअसल, मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी प्रदीप त्रिपाठी के पिता कमलेश त्रिपाठी का 25 अप्रैल 21 को निधन हो चुका है। उन्होंने तीन अप्रैल को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी और 26 जून को उनको कोरोना की दूसरी डोज लगनी थी, लेकिन इससे पहले उनका निधन हो गया। बुधवार को प्रदीप के पास मेसेज आया कि उनके पिता को दूसरी डोज पांच जनवरी को शाम 6:27 मिनट पर लगा दी गई है। वह अपना प्रमाणपत्र भी डाउनलोड कर सकते हैं। मेसेज ने प्रदीप को आश्चर्यचकित कर दिया। उन्हें समझ ही नहीं आया कि आखिरकार ये मेसेज क्यों आया है। हालांकि इस मामले की जानकारी से जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रविशंकर ने इंकार किया है।

इससे पहले झांसी में ही ईसाईटोला की 75 वर्षीय वृद्धा को भी मरने के आठ महीने बाद कोरोना वैक्सीन लगाने का मामला सामने आ चुका है। वृद्धा की 21 अप्रैल को मौत हो गई थी। मरने के आठ दिन पहले उसने वैक्सीन लगवाई थी। नौ दिसंबर 2021 को उसके मोबाइल पर मेसेज आया कि उसे दूसरी डोज लग गई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के दौरान भी मामला सही पाया और मानवीय त्रुटि की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया था।