– राजकीय महिला महाविद्यालय झांसी की आरती कुमारी, रुपिका रायकवार एवं सबीहा ने प्राप्त किया कुलाधिपति स्वर्ण पदक

– इस सत्र से पी एच डी में पंजीकृत शोधर्थियों को मिलेगी पंद्रह हजार छात्रवृत्ति
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 26 वें दीक्षांत समारोह में छात्राओं का वर्चस्व रहा। रानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि में समस्त परीक्षाओं में सर्वाधिक प्रतिशत के लिए कुलाधिपति स्वर्ण पदक, समस्त परीक्षाओं में छात्राओं में सर्वाधिक प्राप्तांक प्रतिशत के लिए कुलाधिपति रजत पदक एवं एम.ए की सभी परीक्षाओं में सर्वाधिक प्राप्तांक प्रतिशत के लिए कुलाधिपति रजत पदक राजकीय महिला महाविद्यालय झांसी की आरती कुमारी पुत्री राम सेवक, रुपिका रायकवार पुत्री दिनेश कुमार एवं सबीहा पुत्री आबिद हुसैन ने प्राप्त किये। तीनों छात्राओं ने इतिहास विषय से एम.ए किया है।
इसके साथ ही एमकॉम उदित बक्शी, एमलिब वंदना कुमारी, एमएई स्पर्श गुप्ता, एमबीए शिवांगी धुरिया, एमएड रविंद्र कुमार, एमएससी कृषि पायल चौधरी, एमसीए निदा सिद्धकी, एमए डब्ल्यू स्वाति बर्मन, एलएलएम निकिता सक्सेना को कुलाधिपति रजत पदक एवं बीएससी रोशनी सिंह, बीकाॅम आदित्य प्रताप, बीएससी कृषि श्रेया रावत, एलएलबी साक्षी चौधरी, बीलिब लोकेश कुमार, एमबीबीएस सौम्या तिवारी, बीटेक शरद यादव, बीए अर्चना देवी एवं अंकिता प्रजापति, बीए अर्चना सिंह द्वितीय स्थान, बीए कीर्ति राजपूत तृतीय स्थान, बीएड विष्णु कुमार बीबीए साक्षी अगरवाल, बीसीए शिवानी गुप्ता, बीएससी ऑनर्स सना परवीन, बीपीएड शुभम मोदी, बीपीईएस शैलजा बाजपेई, बीएचएम राधा साहू, बीएएलएलबी अक्षय यादव, बीफार्मा जुल्फा नसीर को कुलाधिपति कांस्य पदक प्रदान किया गया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने झांसी की शौर्य भूमि का जिक्र करते हुए रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारीबाई, बुंदेलों, आल्हा-उदल आदि को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उनको श्रध्दा सुमन अर्पित किए। उन्होंने झांसी की रानी के पराक्रम, शौर्य और निर्भीकता का जिक्र करते हुए कहा कि उनका जीवन आज सभी नारी शक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त कर रहे छात्र छात्राओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इसके पीछे उनकी मेहनत के साथ ही उनके शिक्षकों, अभिभावकों एवं परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, मैं उन सभी का अभिनंदन करती हूं। यह दिन नए भारत के निर्माण में युवा शक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं सभी विश्वविद्यालयों को समय के साथ सामाजिक और व्यवहारिक क्षेत्र में अनुसंधान करते हुए अपडेट रहने की आवश्यकता है। शिक्षा की सार्थकता तभी है जब विद्यार्थी कुछ ना कुछ नया सीखते रहें। शिक्षा किस विषय में प्राप्त की गई यह महत्वपूर्ण नहीं है महत्वपूर्ण यह है कि हम अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखते हुए कठिन परिश्रम और सकारात्मक सोच से सफलता अर्जित करें। उन्होंने युवाओं का आवाहन करते हुए कहा कि सरकारी नौकरी के भ्रम को त्यागते हुए उधमिता और नवाचार के माध्यम से स्वरोजगार को अपनाना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने करोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की तीसरी लहर से सावधान और सतर्क रहने के साथ आगामी चुनाव में 18 वर्ष से ऊपर के सभी युवाओं को मताधिकार का प्रयोग करने एवं अन्य को प्रेरित और जागरूक करने का आवाहन किया। इसके पूर्व कुलाधिपति द्वारा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के डिजिटल लॉकर का उद्घाटन किया। जिसमें 2021 तक सभी छात्रों की डिग्रियां ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए अपलोड कर दी गई।
दीक्षांत समारोह के मुख्य वक्ता पदम भूषण डॉ विजय कुमार सारस्वत ने प्रधानमंत्री मोदी की भारत को उत्कृष्ट राष्ट्रों में अग्रणी रखने की संकल्पना को साकार करने में सहायक ‘विज्ञान और युवा’ कि भूमिका विषय पर अपना दीक्षांत उद्बोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत को विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाना है तो हमें युवाओं का ऐसा मानव संसाधन तैयार करना होगा जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मानव जीवन के लिए आवश्यक सभी कार्यों में अपना सके। हाल ही में निश्चित समय सीमा के अंदर भारत की उत्पादकता एवं कार्य क्षमता को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्मानजनक जीवन में बढ़ाने हेतु अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया, एनर्जी सिक्योरिटी, फूड सिक्योरिटी, स्किल डेवलपमेंट, इमोबिलिटी, एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और रोबोटिक्स इन्हीं सब के उदाहरण है। इन सब को गति देने में मोबाइल इंटरनेट का विशेष योगदान रहा है। सन 2025 तक लगभग 900 मिलियन मोबाइल के माध्यम से भारतवासी इन सभी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। डिजिटल प्रणाली ने भ्रष्टाचार को कम कर आम व्यक्ति को सीधे लाभ पहुंचाया है। वर्तमान में भारत की जनसंख्या में 10 से 24 उम्र के लगभग 356 मिलियन युवा है जो विश्व में सर्वाधिक है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि भारत सरकार इन्हीं युवाओं के सपने और सहभागिता से नए भारत का निर्माण कर रही है। उन्होंने युवाओं से कहा कि कठिन परिश्रम, त्याग, लक्ष्य के प्रति एकाग्रता, असफलताओं से सीख, आदि के माध्यम से वे सफलता को निश्चय ही प्राप्त करेंगे। स्वामी विवेकानंद के विचारों को छात्रों से साझा करते हुए कहा की समस्त शक्तियां आपके अंदर निहित है अपने आप को कभी कमजोर ना समझे। खड़े हों और मुकाबला करें। चुनौतियां, रुकावटें सफलता में बदल जाएंगी। हमारा जीवन तभी सफल है जब यह राष्ट्र और उसके जनकल्याण में निहित हो।
कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत एवं बुविवि की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
दीक्षांत समारोह में प्रो सीबी सिंह ने कला संकाय, प्रो आरके सैनी ने विज्ञान संकाय, प्रो प्रतीक अग्रवाल ने वाणिज्य संकाय, डॉ  एलसी साहू ने विधि संकाय, डॉक्टर नीलम कुमार सिंह ने कृषि संकाय एवं बुंदेलखंड विद्यालय के कुलपति विनय कुमार सिंह ने शिक्षा संकाय के छात्रों को विद्यावाचस्पति पीएचडी की उपाधि के लिए प्रस्तुत किया। जिन कुलपति द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। कुल १०६ छात्र छात्रायों को पीएचडी कि उपाधि प्रदान की गयी। इसके पूर्व दीक्षांत समारोह में शोभा यात्रा के उपरांत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्रों ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय कुलगीत ‘यह बुंदेलखंड विश्वविद्यालय हो’ की सुंदर प्रस्तुति दी। डॉक्टर मुन्ना तिवारी द्वारा संपादित दीक्षांत स्मारिका एवं डॉ यशोधरा द्वारा संपादित दीक्षांत बुलिटिन का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो अर्चना वर्मा एवं डॉ अचला पाण्डेय द्वारा किया गया. इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर, वित्तीय अधिकारी वसी मोहम्मद के साथ सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, आचार्य, शिक्षकगण एवं छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।