– एनसीटीई की चार सदस्यीय टीम ने अध्यापक प्रशिक्षण संस्थानों की जांच में कमियों को छुपाने वसूले लाखों

धर्मशाला/कांगड़ा (संवाद सूत्र)। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचाररोधी (विजिलेंस) ब्यूरो ने छापा मारकर कांगड़ा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की टीम के चार सदस्यों को गुप्त सूचना के आधार पर भ्रष्टाचार की रकम के साथ दबोच लिया। इस टीम द्वारा क्षेत्र के चार शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण कर शिक्षण संस्थानों में खामियां मिलने पर सही रिपोर्ट लगाने के एवज में इनसे लाखों रुपए की वसूली की गई थी। पकड़ी गई टीम के सदस्यों में झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एजूकेशन विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर काव्या दुबे भी शामिल हैं।

दरअसल, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से हिमाचल प्रदेश के निजी क्षेत्र में संचालित अध्यापक प्रशिक्षण संस्थानों (बीएड, एमएड) का निरीक्षण करने के लिए चार सदस्यीय टीम भेजी गई थी। इस टीम द्वारा हिमाचल के कांगड़ा में चार शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचाररोधी (विजिलेंस) ब्यूरो को गुप्त सूचना मिली कि इस टीम द्वारा निरीक्षण में प्रकाश में आई कथित कमियों को छुपा कर सही रिपोर्ट देने के एवज में लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं। इस सूचना पर विजिलेंस टीम ने छापा मारकर निरीक्षण टीम में से दो सदस्यों को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते क्षत्रिय कॉलेज ऑफ एजूकेशन इंदौरा कांगड़ा में रंगे हाथ पकड़ा, जबकि गगल के एक होटल में ठहरे इस टीम के दो सदस्यों (महिला व पुरुष) को अलग से 11.48 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया। होटल में पकड़े गए आरोपियों की पहचान संजीव कुमार निवासी अलीगढ़ उत्तर प्रदेश व महिला कर्मी काव्या दुबे झांसी के रूप में हुई है। काव्या झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एजूकेशन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। इसके अलावा कांगड़ा जिले के क्षत्रिय कॉलेज ऑफ एजूकेशन इंदौरा में दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए दो सदस्यों की पहचान डॉ. सीमा शर्मा निवासी भवानी नगर मेरठ (यूपी) और डॉ. महेश प्रसाद जैन निवासी शिवाजी नगर भोपाल (मध्य प्रदेश) के रूप में हुई है। विजिलेंस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई की।