झांसी। रेल्वे चाइल्ड लाइन द्वारा रेल्वे स्टेशन वीरांगना लक्ष्मीबाई पर कॉर्डिनेटर बिलाल उल हक़ की अध्यक्षता में सफाई कर्मचारियों को चाइल्डलाइन 1098 के प्रति जागरूक किया गया। रेल्वे चाइल्ड लाइन टीम सदस्यों ने सफाई कर्मचारियों को पैंपलेट बाटे व चाइल्डलाइन 1098 के बारे में विस्तार से बताया। टीम सदस्य रेखा करौठिया ने उन्हें बताया कि वे सभी हर वक्त लगभग सभी यात्रियों के संपर्क में आते है अगर आप को कोई भी 18 वर्ष तक का बच्चा अकेला भटकता हुआ, असहाय, रोता हुआ मिले तो आप तुरंत 1098 पर कॉल कर के बच्चे को मदद दिला सकते हैं। इसी क्रम में टीम सदस्य गौरीशंकर वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों की ट्रैफिकिंग के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना के कारण काम न मिलने के कारण माता पिता भी बच्चों को दूसरो के भरोसे काम के लिए भेज देते हैं ताकि वे उन्हें पैसे भेजते रहे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता कई बार बच्चो को बेच दिया जाता है। अगर आपको लगे कि कोई बच्चा किसी ऐसे व्यक्ति के पास है जो उनके माता पिता को बिना बताए काम के लिए ले जा रहा है तो ऐसे बच्चों को देखकर आप 1098 पर सूचना दे सकते हैं। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति जिसके पास बच्चा हो और वह संदेह की स्तिथि में लगता है तब भी आप नि:संकोच 1098, 112, 182 पर कॉल कर जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए आपको डरने की आवश्यकता नहीं है सूचना देने पर आपकी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। आपको बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा। आप की सतर्कता और जागरूकता होने से हो सकता है कि आप किसी बच्चे को सही समय पर बचा सकें और वह सही सलामत अपने परिजनों के पास पहुंच सके। टीम सदस्य आलोक कुमार ने बताया कि चाइल्डलाइन देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय 24 घंटों के लिए मुफ़्त, इमरजेंसी, फोन आउटरीच सेवा है। चाइल्डलाइन राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों, सहायक प्रणालियों और कॉरपोरेट सेक्टर के साथ भागीदारी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की परियोजना है।

इस अवसर पर रेल्वे चाइल्ड लाइन टीम से कॉर्डिनेटर बिलाल उल हक़, काउन्सलर स्वेता वर्मा,टीम सदस्य राखी यादव,रेखा करौठिया,गौरीशंकर वर्मा व आलोक कुमार आदि उपस्थित रहे।