– 24 को लगने वाला समस्या समाधान शिविर बिना पूर्व सूचना के स्थगित होने पर हुआ हंगामा

झांसी। उमरे के झांसी मंडल के सेवा निवृत्त व कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं व शिकायतों के निवारण की कवायद कागजी साबित हो रही है। सीनियर सिटीजन रेल कर्मियों के साथ झांसी में गुरुवार को जो कुछ हुआ वह कमोवेश यही साबित करने के लिए पर्याप्त है। झांसी, मुम्बई, आगरा, बाँदा, ललितपुर, महोबा, ग्वालियर, धौलपुर आदि विविध क्षेत्रों से आए सीनियर सिटीजन रेल कर्मी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए तपती धूप में इधर उधर भटकते रहे और मजबूरी में उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर प्रदर्शन किया तब उनकी सुनवाई हुई, किन्तु उन्हें नयी तिथि देकर चलता कर दिया गया। बेचारे सीनियर सिटीजन रेल कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए रेल कर्मियों के कोई भी संगठन सामने नहीं आया।

दरअसल, उत्तर मध्य रेलवे मण्डल स्तर पर सेवानिवृत्त एवं कार्यरत कर्मचारियों की शिकायतों व समस्याओं के समाधान के लिए 24 मार्च को 11 बजे से झांसी मंडल मुख्यालय पर बुंदेला क्लब रेलवे के हाल में सुनवाई शिविर का आयोजन किया गया था। इसकी सूचना संबंधित कर्मचारियों को दे दी गई थी। इसको देखते हुए 24 मार्च को निर्धारित समय पर सात आठ दर्जन से अधिक पीड़ित सीनियर सिटीजन कर्मचारियों का जत्था विविध क्षेत्रों से बताए गए स्थान पर पहुंच गया।

वहां सेवा निवृत्त कर्मचारियों को उस समय हताशा हाथ लगी जब बताए गए स्थान का ताला लगा मिला और वहां कोई भी रेल अफ़सर नहीं मिला। काफी इंतजार के बाद जब कोई भी नहीं आया तो सीनियर सिटीजन रेल‌‌‌ कर्मचारियों का पारा चढ़ गया और उन्होंने हंगामा खड़ा करना शुरू कर दिया। मौक़े पर पहुंची साहू जागरण डॉट कॉम की टीम को कर्मचारियों ने बताया कि उनके साथ रेल अधिकारियों द्वारा पक्षपात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह अनुकम्पा नियुक्ति , सेवानिवृत्ति लाभ , पेंशन / पारिवारिक पेंशन एवं वेतन सम्बन्धी शिकायतें लेकर आए हैं। इनमें कई ऐसे भी थे जिन्हें सेवानिवृत्त के पांच साल बाद भी सुविधा नही मिल रही।

उन्होंने बताया कि तिथि निर्धारित होने के बावजूद अफसरों का उपस्थित नहीं होना उनके साथ मजाक है। उन्होंने बताया कि शिविर स्थल पर शिविर स्थगित होने की कोई सूचना चस्पा नहीं की गई है। मौखिक बताया गया है कि अब शिविर 29 मार्च को आयोजित किया जाएगा। परेशान सीनियर सिटीजन रेल कर्मियों ने शिविर स्थल से डीआरएम कार्यालय तक मार्च कर प्रदर्शन कर अपनी व्यथा बताई। इस दौरान मीडिया के पहुंचने पर रेल प्रशासन बैकफुट पर आ गया और वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी ने सीनियर सिटीजन रेल‌‌‌ कर्मचारियों की बैठक आमंत्रित की। इस दौरान बताया गया कि जीएम के दौरे के कारण समस्या निवारण शिविर नहीं लग सका और तिथि को परिवर्तित करना पड़ा। कार्मिक विभाग के कतिपय अफसरों ने किसी प्रकार उन्हें समझाया और अगले शिविर में उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। बेचारे सीनियर सिटीजन रेल‌‌‌ कर्मचारियों ने मरता क्या ना करता की कहावत को चरितार्थ करते हुए अगली तिथि पर आयोजित शिविर में समस्याओं को रखने पर सहमति जताई। हालांकि उनमें कार्मिक अधिकारियों की लापरवाहपूर्ण भूमिका को लेकर आक्रोश देखा गया।